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गुरुवार, 30 मई 2024

Delhi Temperature: क्या सच में 52.9 डिग्री पहुंच गया था दिल्ली का तापमान? मौसम विभाग को भी नहीं हो रहा यकीन


 दिल्ली समेत उत्तर भारत में इस बार भीषण गर्मी पड़ रही है. कई शहरों में तो ये हाल है कि दिन में 12 बजे से 4 बजे तक घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. मौसम विभाग ने भी इस दौरान घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है.

दिल्ली का हाल तो ये है कि यहां पर बुधवार को तापमान 52 डिग्री के पार पहुंच गया. 79 साल में ये सबसे ज्यादा तापमान बताया गया. हालांकि मौसम विभाग को विश्वास नहीं हो रहा है कि तापमान यहां तक पहुंचा. उसने एरर की आशंका जताई है.

जबकि दिल्ली के सफदरजंग मौसम केंद्र ने अधिकतम तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया. शहर के मौसम अधिकारी तब हैरान रह गए जब मुंगेशपुर ने 52.9 डिग्री की जानकारी दी, जिसके बाद आईएमडी ने अपने सेंसर में संभावित गलतियों के लिए इलाके में स्वचालित मौसम स्टेशन की जांच की.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरों और कस्बों में अधिकतम तापमान 47 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा, जबकि रोहतक और प्रयागराज में 48.8 डिग्री तापमान दर्ज किया गया, जो देश में बुधवार को दर्ज किया गया सबसे अधिक तापमान है. आईएमडी के अनुसार, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज और हरियाणा के रोहतक दोनों ने इस महीने के अब तक के सबसे अधिक अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड तोड़ दिया.

30 मई, 1994 को प्रयागराज में अधिकतम तापमान 48.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. रोहतक के लिए, पिछला सर्वकालिक अधिकतम तापमान 6 जून, 1995 को 47.2 डिग्री था. लेकिन बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के मुंगेशपुर में अधिकतम तापमान 52.9 डिग्री सेल्सियस था, जिससे मौसम वैज्ञानिक हैरान रह गए. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने एक बयान में कहा, यह असामान्य लगता है और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य मौसम केंद्रों की तुलना में यह एक असाधारण स्थिति है.

मिनिस्टर फॉर अर्थ साइंसेस किरण रिजीजू ने एक्स पर एक पोस्ट किया. उन्होंने कहा कि यह अभी आधिकारिक नहीं है, 52.3 का टेंपरेचर बहुत अनलाइक है. फिर उसके बाद रात 8 बजे आईएमडी ने एक प्रेस रिलीज जारी की, जिसमें कहा गया कि कुछ ऑटोमेटिक वेदर स्टेशंस हैं और कुछ उनकी ऑब्जर्वेटरी हैं. बाकी ऑब्जर्वेटरी में जो ट्रेंड देखने को मिला है टेंपरेचर डिप हुआ है. आने वाले दो से तीन दिनों में हीट वेव कम हो सकती है और धीरे-धीरे तापमान में भी कुछ गिरावट हो सकती है. जब वेस्टर्न डिस्टरबेंसस आती हैं तो आंधी के साथ में बारिश आती है.

क्या होते हैं ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन

हिंदुस्तान के अलग-अलग इलाकों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन लगाए गए हैं. ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन में कुछ सेंसर्स होते हैं जो अपने आप अपना काम 24 घंटे करते रहते हैं. वह चार पैरामीटर पर रीडिंग नोट करते हैं, जो तापमान, हवा की किस दिशा से हवा चल रही है, हवा की गति और रेनफॉल है. यह चार पैरामीटर यह हर 30 मिनट में इनकी रीडिंग लेकर के मेट डिपार्टमेंट को भेजते हैं और वह प्रकाशित मेट डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर की जाती है. दिल्ली में ऐसे 15 लगे हुए हैं.

क्या होती है मैनुअल ऑब्जर्वेटरी

तापमान, हवा की किस दिशा से हवा चल रही है, हवा की गति और रेनफॉल को मैनुअल ऑब्जर्वेटरी में भी नापा जाता है, जोकि हर 3 घंटे में होती है. यह पूरा डाटा पुणे नेशनल डाटा सेंटर में जाता है. वहां से लाइव टेंपरेचर एक रीडिंग मिलती रहती है. मैनुअल ऑब्जर्वेटरी सफदरजंग, पालम, लोधी रोड, रिज और आयानगर में है. इसी डाटा के आधार पर मौसम विभाग ने बुधवार के तापमान को लेकर कहा था कि या तो वह स्टेबल है या डिप है. मैनुअल ऑब्जर्वेटरी में टेंपरेचर या तो उतना ही रहा या तो कुछ घट गया, जैसे पालम में 47 डिग्री था और 47 डिग्री बुधवार को भी रहा. लोधी रोड की ऑब्जर्वेटरी में 46.2 था और 46.2 ही रहा है. रिच में 47.5 था और 47.3 हो गया. आयानगर में 47.6 था और 46.8 हो गया.

एडब्ल्यूएस मुंगेशपुर में मंगलवार को 49.9 था और बुधवार को 52.9 रिकॉर्ड हुआ है. इतना बड़ा फ्लकचुएशन किसी एडब्ल्यूएस में भी नहीं देखा और डिपार्टमेंटल ऑब्जर्वेटरी में भी देखने को नहीं मिलता है. सफदरजंग में मैनुअल ऑब्जर्वेटरी है और यहां पर भी बुधवार को 46.8 आया है, जो 1944 के बाद सबसे ज्यादा तापमान है. यह स्थिति भी बहुत तेज गर्मी की है और यह सीवियर हीट वेव की कंडीशन में आएगा. हालांकि आने वाले समय में 31 मई और 1 जून के आसपास बारिश हो सकती है और क्रमशः आने वाले दिनों में तीन से 4 डिग्री की गिरावट भी हो सकती है.

लोकल फैक्टर

किसी एक शहर में अलग-अलग कारणों की वजह से कहीं तापमान ज्यादा और कहीं तापमान कम रिकॉर्ड हो सकता है. जैसे कहीं वटर बॉडी है, पानी है, कहीं तालाब है, कहीं बंजर पड़ी जमीन है, कहीं कंक्रीट है तो कहीं ज्यादा घनी आबादी है या कहीं कोई ग्रीन पैच है. उस वजह से कहीं टेंपरेचर की रिकॉर्डिंग ज्यादा मिलेगी और कहीं टेंपरेचर की रिकॉर्डिंग कम मिलेगी. अगर सेंसर की खामी नहीं तो फिर दूसरा कारण यह है कि लोकल फैक्टर के चलते शायद ज्यादा आया हो.

हिमाचल प्रदेश के ऊना में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जिसने 24 मई 2013 को देखे गए 45.2 डिग्री के पिछले रिकॉर्ड को तोड़ दिया. इस बीच, आईएमडी ने पूर्वानुमान लगाया है कि दिल्ली समेत उत्तर भारत के राज्यों में अगले तीन या चार दिनों तक लू की स्थिति बनी रहेगी.

हरियाणा और पंजाब में भी हालात खराब

हरियाणा में हिसार में भी भीषण गर्मी पड़ रही है, जहां अधिकतम तापमान 48.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. महेंद्रगढ़ में अधिकतम तापमान 48.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि सिरसा में तापमान 48.2 डिग्री दर्ज किया गया. झज्जर और फरीदाबाद में भी अत्यधिक गर्म मौसम की स्थिति बनी रही, जहां अधिकतम तापमान 48.4 डिग्री सेल्सियस और 48 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अंबाला में अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री और करनाल में 42.2 डिग्री दर्ज किया गया.

पंजाब में बठिंडा 48.5 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ सबसे गर्म रहा. लुधियाना और पठानकोट दोनों जगह पारा 46.1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. फरीदकोट में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस, अमृतसर में 45.8 डिग्री, पटियाला में 45.7 डिग्री दर्ज किया गया.

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