राजस्थान में भीषण गर्मी और लू के बीच जल संकट की समस्या भी खड़ी हो गई है. कई शहरों में पानी की सप्लाई बंद हो गई है. हालात ये हो गए हैं कि लोगों को पीने के लिए महंगे दाम पर टैंकर का पानी खरीदना पड़ रहा है.
पानी की मांग बढ़ी
कन्हैया लाल ने बताया कि पिछले वर्ष मानसून में औसत वर्षा 543.43 मिमी थी. जबकि 2022 में मानसून के दौरान औसत बारिश 668.74 मिमी थी. पिछले वर्ष कम वर्षा के कारण 13 जिलों को आपदा प्रभावित घोषित किया गया था। 2022 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 45.72 लाख पानी के कनेक्शन थे। जो अब बढ़कर 52,69,574 हो गई है. ऐसे में उन्होंने पानी की लगातार बढ़ती मांग का हवाला देते हुए कहा कि हमारे पास पानी होगा. उसी की आपूर्ति की जा सकती है.
मंत्री कन्हाई लाल का विवादित बयान
राजस्थान के पीएचईडी मंत्री ने आगे कहा कि भगवान से प्रार्थना है कि इस बार मानसून समय पर आए और अच्छी बारिश हो. अन्यथा भविष्य में स्थिति और भी खराब हो सकती है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोगों को पानी बचाने का प्रयास करना चाहिए.
पिछली सरकार पर लगाए आरोप
इसके अलावा उन्होंने राज्य में जल संकट के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) पर कोई काम नहीं हुआ. इसका असर भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद ईआरसीपी को लेकर ठोस कदम उठाये गये हैं. जिसके आने वाले समय में अच्छे परिणाम आएंगे।
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