उत्तर प्रदेश के कौशांबी संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार बनकर नामांकन दाखिल करने वाले छेददू चमार का पर्चा खारिज हो गया. पर्चा खारिज होने से आहात छेददू ने प्रदेश के डिप्टी सीएम पर गंभीर आरोप लगाया है.
उसका आरोप है कि 11 बार चुनाव लड़ने के चलते उसे नामांकन मे दाखिल करने वाले सारे कागज मुंहजबानी याद हैं. धक्का-मुक्की व बदसूलूकी ने उसे इतना पापुलर बना दिया कि बीजेपी उम्मीदवार के साथ आए डिप्टी सीएम ने हार के डर से उसे मैदान से ही हटवा दिया है.
छेददू ने मीडिया को दिए बयान में कहा, अगर वहां इतने अधिकारी नहीं होते तो मैं चमार हूं, डीएम को उठाकर वहीं पटक देता. बता दें कि निर्दलीय उम्मीदवार छेददू चमार ने 2 मई को अपना पर्चा दाखिल किया था. पर्चा दाखिल कर जब वह कलेक्ट्रेट से बाहर निकल रहे थे तो उन्होंने ढपली बजा दी थी. जिस पर सीओ सदर सत्येंद्र तिवारी ने उन्हें बेइज्जत करते हुए धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था. जिसका वीडियो वायरल होने के बाद वह चर्चाओं में आए.
सिराथू तहसील के तैबापुर गांव के रहने वाला छेददू चमार पेशे से बर्तन की फेरी लगाने वाला है. छेद्दू चमार को आम जनमानस धरती पकड़ के नाम से जानते हैं. वह पिछले 24 साल के बीच में 11 चुनाव में उम्मीदवारी कर अपनी किस्मत आजमा चुका है. 2024 के आम चुनाव में छेद्दू ने अपनी तैयारी साल भर पहले से शुरू कर दी थी. इसके लिए उसने 2 मई को अपना नामांकन पत्र अपनी 95 साल की मां महेशिया, पत्नी उर्मिला एवं भाई व उनकी पत्नियों को प्रस्तावक बना कर दाखिल किया.
नामांकन दाखिल कर लौटने के दौरान उसने एक छोटी सी भूल हो गई. उसने पुलिस के सामने मीडिया को आकर्षित करने के लिए अपने चिर-परिचित अंदाज मे ढपली बजाने लगा. यह बात ड्यूटी पर तैनात सर्किल अफसर मंझनपुर संत्येंद्र तिवारी को नागवार गुजरी. उन्होंने उसे न सिर्फ अपमानित किया बल्कि धक्का मारकर उसे बाहर निकाल दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेट फार्म कर खूब वायरल हुआ. करीब 50 हजार से अधिक लोगों ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर छेद्दू के लिए इंसाफ की मांग उठाई.
मामले को तूल पकड़ता देख भारत निर्वाचन आयोग ने प्रकरण की विस्तृत रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी से तलब की. देर रात डीईओ राजेश राय से मामले की जांच रिपोर्ट भेजे जाने की बात कही. शनिवार को नामांकन प्रपत्र की जांच के बाद डीईओ ने छेद्दू चमार के नामांकन को खारिज कर दिया. नामांकन खारिज होने जानकारी मिलते ही प्रत्याशी छेददू का सांसद बनाने का सपना चकना चूर हो गया.
छेद्दू चमार के मुताबिक, वह 11 बार चुनाव एवं 3 बार सांसदी का चुनाव लड़ चुका है. कागज मे कमी होने का सवाल ही नहीं खड़ा होता. उसे सारे कागज मुंहजबानी याद है. एक बार में बिना रुके वह सभी दस्तावेज की जानकारी देता है. इसके बाद फफककर कहता है कि गरीब व चमार होने के नाते डीएम ने उसे लूट लिया. पर्चा खारिज कर दिया. बीजेपी के विनोद सोनकर का पर्चा दाखिल कराने आए डिप्टी सीएम ने उसका पर्चा अधिकारी से कहकर खारिज करवा दिया. वह कही शिकायत करने नहीं जाएगा. उसका न्याय ईश्वर करेगा.
छेद्दू ने कहा कि "चतुराई चौपट करे, ज्ञानी गोता खाय, ज्यादा चतुरा बने तो जर मूर से जाय" वह खुद को नारायण के भरोसे होने की बात कहता है. उसे भूल सुधार का मौका नहीं दिया गया. छेददू ने फिर कहा कि डीएम ने उसके साथ अन्याय किया है. यदि इन्हें हटा दिया जाए तो उसे न्याय मिल जाएगा. डीएम ने चमार के साथ अन्याय किया है, जिसने संविधान बनाया है. बाबा साहब के संविधान को रद्द कर दिया गया है. उसने आवेश में आकर मीडिया को दिए बयान में यह भी कहा कि अगर वहां इतने अधिकारी नही होते तो वह डीएम को उठाकर वहीं पटक देता.
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