PM Modi Interview: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में अक्सर यह कहा जाता है कि चुनावों का समय छोड़कर बाकी समय वह मीडिया हाउस को इंटरव्यू नहीं देते। मीडिया एवं पत्रकारों के सवालों से वह दूरी बनाकर चलते हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने अब इसका जवाब दिया है।
'मैं यह सब विज्ञान भवन में बैठकर भी कर सकता हूं'
इस सवाल पर कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो वे मीडिया से ज्यादा बात करते थे लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद वह न के बराबर पत्रकारों को इंटरव्यू देते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि मीडिया का इस्तेमाल एक खास रूप में हुआ है और वह उस रास्ते पर नहीं चलना चाहते। उन्होंने कहा, 'मुझे कठिन परिश्रम करना है। मुझ गरीब लोगों के घरों तक जाना है। मैं यह सब विज्ञान भवन में बैठकर भी कर सकता हूं और फीता काट सकता हूं लेकिन मैं यह नहीं करता। मैं झारखंड के एक छोटे से गांव में जाता हूं और एक छोटी योजना पर काम करता हूं।' पीएम ने कहा कि उन्होंने अपने कामकाज एक एक नई कार्य संस्कृति विकसित की है। यदि यह तरीका सही है तो मीडिया को इसे सही तरीके से पेश करना चाहिए और अगर पसंद नहीं आए तो छोड़ देना चाहिए।
मीडिया की अब अलग पहचान नहीं-पीएम
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया की अब एक अलग पहचान नहीं रह गई है। उन्होंने कहा, 'पहले मैं अगर किसी चैनल से बात करता था तो लोगों को यह पता नहीं होता था कि बात करने वाले किस विचारधारा का है लेकिन अब ऐसा नहीं है। लोग अब जानते हैं कि सवाल पूछने वाले की वैचारिक पृष्ठभूमि क्या है। आज मीडिया की अपनी अलग पहचान नहीं रह गई है। आज एंकर्स किस विचारधारा के हैं या उनकी सोच कैसी है, इसके बारे में लोगों को पहले से पता होता है।' पीएम ने कहा कि पहले लोगों से संपर्क करने का माध्यम केवल मीडिया ही एक जरिया था लेकिन लोगों से संवाद करने के आज कई विकल्प मौजूद हैं।
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'अब हर कोई अपनी बात रख सकता है'
पीएम ने आगे कहा, 'आज अगर आप लोगों से बातचीत करना चाहते हैं तो यह संवाद दो-तरफा है। आज लोगों को अपनी बात रखने के लिए परंपरागत मीडिया की जरूरत नहीं है। एक व्यक्ति जिसे यदि कुछ कहना है तो वह भी मीडिया के बिना दुनिया के सामने अपनी बात रख सकता है।'
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