EC in Supreme Court: चुनाव आयोग ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत डेटा के अविवेकपूर्ण खुलासे और इसे वेबसाइट पर पोस्ट करने से चुनावी मशीनरी में अराजकता फैल जाएगी, जो मौजूदा लोकसभा चुनाव में जुटी है।
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आयोग ने आरोपों को बताया भ्रामक
आयोग ने इस आरोप को भी गलत और भ्रामक बताते हुए खारिज किया कि लोकसभा चुनाव के पहले दो चरण में मतदान के दिन जारी किए गए आंकड़ों और बाद में दोनों चरणों में से प्रत्येक के लिए जारी प्रेस विज्ञप्ति में 5-6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। आयोग ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका के जवाब में दायर एक हलफनामे में यह बात कही। याचिका में आयोग को लोकसभा के प्रत्येक चरण के मतदान के समापन के 48 घंटे में वेबसाइट पर मतदान केंद्र-वार आंकड़े अपलोड करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
कहा- चुनावी मशीनरी में पैदा होगी अराजकता
आयोग ने 225 पृष्ठ के हलफनामे में कहा, अगर याचिकाकर्ता का अनुरोध स्वीकार किया जाता है तो यह न केवल कानूनी रूप से प्रतिकूल होगा बल्कि इससे चुनावी मशीनरी में भी अराजकता पैदा होगी, जो पहले ही लोकसभा चुनाव में जुटी है। बता दें कि विपक्ष ने मतदान आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर चुनाव आयोग को निशाने पर लिया था। कांग्रेस सहित विपक्ष के कई नेताओं ने आंकड़े जारी करने में देरी को लेकर आयोग पर सवाल उठाए थे।
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