लोकसभा चुनाव के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग राष्ट्रपति भवन परिसर के अंदर बने डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय विद्यालय में जाकर करेंगी? यह सवाल महत्वपूर्ण है.
यह कदम अपनी 'राजनीतिक निष्पक्षता' बनाए रखने के लिए किया गया था. डॉ. राजेंद्र प्रसाद और डॉ. शंकर दयाल शर्मा के बीच में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन, वी.वी.गिरि, फखरुद्दीन अली अहमद, एस.वेंकटरमण, ज्ञानी जैल सिंह और नीलम संजीव रेड्डी ने भी लोकसभा या किसी अन्य चुनाव के दौरान मतदान नहीं किया. हां, इन राष्ट्रपतियों के परिजन वोट देते रहे.
भारत के दसवें राष्ट्रपति डॉ. के.आर. नारायणन ने 1998 के संसदीय चुनावों में मतदान किया था. कह सकते हैं कि उन्होंने अपने पूर्ववर्तियों की 'राजनीतिक निष्पक्षता' की परंपरा को बनाए रखने की परंपरा को तोड़ा था. उनका फैसला असाधारण था. डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने क्रमशः 2004 और 2009 के आम चुनावों में मतदान किया था. दोनों दिल्ली में पंजीकृत मतदाता थे.
आप राजधानी में मदर टेरेसा क्रिसेंट पर स्थित दांडी मार्च को दर्शाती ग्यारह मूर्ति से राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 31 में पैदल पांचेक मिनट में पहुंच जाते हैं. यहां से अंदर आते ही मिलता है डॉ. राजेंद्र प्रसाद स्कूल. यहां पर राष्ट्रपति भवन में रहने वालों का मतदान केंद्र बनता है. डॉ. नारायणन ने अपनी पत्नी उषा जी के साथ इस स्कूल में मतदान किया था. रामनाथ कोविंद ने देश के राष्ट्रपति पद पर रहते हुए राष्ट्रपति भवन के स्टाफ के साथ लाइन में लगकर 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
प्रणब मुखर्जी ने 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए वोट नहीं डाला था. तब भी कहा गया था कि अपनी 'राजनीतिक निष्पक्षता' बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का फैसला किया. बहरहाल, राष्ट्रपति भवन के भीतर कभी कोई सियासी दल या उनके नेता प्रचार के लिए नहीं आते. यह परंपरा इस बार भी नई दिल्ली सीट के उम्मीदवारों और उनके समर्थकों ने बनाए रखी।
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