इस्राइल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच यूरोपीय संघ (ईयू) के कुछ सदस्य देशों ने मंगलवार को औपचारिक रूप से फलस्तीन राज्य को मान्यता दे दी है। जिन देशों ने फलस्तीन को मान्यता दी है, उनमें स्पेन, नॉर्वे, आयरलैंड शामिल है।
माल्टा-स्लोवेनिया भी समर्थन में
स्पेन के राष्ट्रपति पेड्रो सांचेज ने इस कदम को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया। उन्होंने कहा कि इसका एक ही लक्ष्य है कि इस्राइल नागरिक और फलस्तीनी नागरिक शांति प्राप्त करें। आयरलैंड के प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने कहा कि इससे दुनिया में एक संदेश जाता है कि आप दो राज्य समाधान के लिए इस तरह के कदम उठा सकते हैं। यूरोपीय संघ के सदस्य माल्टा और स्लोवेनिया ने भी पुष्टि की है कि वे भी ऐसा कुछ कर सकते हैं पर तुरंत नहीं। बता दें, संयुक्त राष्ट्र में प्रतिनिधित्व करने वाले 190 से अधिक देशों में से लगभग 140 देश पहले ही फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे चुके हैं।
इस्राइल ने की फैसले की आलोचना
इस्राइली सरकार ने इस फैसले की निंदा की। इस्राइल के विदेश मंत्री इजराइल कॉट्ज ने स्पेनिश प्रधानमंत्री की तुलना ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई से की। उन्होंने कहा कि स्पेनिश सरकार यहूदियों के खिलाफ नरसंहार और युद्ध अपराधों को भड़काने में शामिल हो रही है।
अमेरिका ने भी दो राज्य समाधान का किया है समर्थन
अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने कई बार इस्राइल और फलस्तीन के बीच दो राज्य समाधान का समर्थन किया है। हालांकि, अमेरिका ने इसे अभी तक औपचारिक रूप से मान्यता नहीं दी है। अमेरिका के अलावा, किसी अन्य प्रमुख पश्चिमी शक्ति ने भी इसे मान्यता नहीं दी है।
सात अक्तूबर से जारी है युद्ध
गौरतलब है कि सात अक्तूबर की सुबह हमास द्वारा करीब 5000 रॉकेट इस्राइली शहरों पर दागे गए थे. जिसके बाद से दोनों पक्षों में युद्ध जारी है। इस्राइल ने इस हमले को आंतकी हमला करार दिया है। इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कमस खाई है कि वह जब तक हमास को पूर्ण रूप से खत्म नहीं कर देते, तब तक वे युद्ध विराम नहीं करेंगे। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस्राइली हमलों में 35,000 से अधिक फलस्तीनियों की मौत हो गई है। इनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। 80% आबादी विस्थापित हो गई है और सैकड़ों हजारों लोग भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं।
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