- झारखंड में ईडी के हाथ लगी कई धनकुबेरों की 'कुंडली', खुलते जा रहे राज तो सफेदपोशों की उड़ी नींद | सच्चाईयाँ न्यूज़

बुधवार, 8 मई 2024

झारखंड में ईडी के हाथ लगी कई धनकुबेरों की 'कुंडली', खुलते जा रहे राज तो सफेदपोशों की उड़ी नींद


झारखंड ग्रामीण विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार की परत दर परत ईडी के द्वारा खोले जा रहे हैं. वहीं, इस विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी मजबूत हैं इसका अंदाजा ईडी की कार्रवाई में नजर आ रहा है. सोमवार को हुई छापेमारी में जहां 35 करोड़ 23 लाख रुपए मिले तो मंगलवार को उसी फेहरिस्त को जब ईडी ने आगे बढ़ाया तो फिर 2 करोड़ 14 लाख रुपए ईडी को मिले. साथ ही इस विभाग में फैले भ्रष्टाचार से संबंधित कई अहम दस्तावेज भी ईडी ने बरामद किए हैं जिनमे कई सफेदपोशों के चेहरे आने वाले दिनों में बेनकाब होते नजर आ सकते हैं.

बता दें कि सोमवार को ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उनके करीबियों के यहां जब ईडी ने दबिश दी तो फिर एक बार नोटों का पहाड़ ईडी को मिला. साथ ही पदाधिकारियों और अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग से संबंधित कई कागजात और जमीन से जुड़े कई दस्तवेज और जेवरात भी ईडी ने बरामद किए. वहीं, ईडी की जांच में कई अहम जानकारियां भी सामने आईं. इन जानकारियों में ये बातें सामने आईं कि संजीव इंजीनियरों की मदद से निविदा (टेंडर) में कमीशन वसूलता था और इन पैसों को एकत्र करने का काम जहांगीर किया करता था.

वहीं, ये पैसे सरकार में बैठे उपर के लोगों तक जाते थे. इसे लेकर बाकायदा पूरी मशीनरी संजीव लाल ने बना रखी थी. ईडी ने कोर्ट को ये भी जानकारी दी है की ईडी के द्वारा गिरफ्तार किए गए विरेंद्र राम (पूर्व ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर) ने ईडी को पूछताछ में बताया था कि कमीशन के करोड़ों रुपये सितंबर 2022 के महीने में उसने संजीव लाल को सौंप दिए गए थे. वहीं संजीव लाल के घर से 2 गाड़ियां भी बरामद की गई हैं, जिसका इस्तेमाल भले संजीव किया करता था, लेकिन वो गाड़ियां जहांगीर के नाम पर ही थीं. इन बातों की जानकारी ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को दी है.

वहीं, इसके साथ ही संजीव और जहांगीर से हुई पूछताछ और जानकारी एक आधार पर ईडी ने 5 लोकेशन पर छापेमारी की. मंगलवार को हुई छापेमारी में ईडी को 2 करोड़ 14 लाख रुपए, जेवरात, जमीन से जुड़े दस्तवेज बिल्डर राजीव कुमार सिंह के आवास से मिले हैं. वहीं, इसके साथ ही ग्रामीण विकास विभाग के दो इंजीनियर भी ईडी के राडार पर रहे, जिनके आवास पर ईडी ने दबिश दी. आईटीआई बस स्टैंड के समीप रहने वाले ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर राजकुमार और कांके इलाके में रहनेवाले ग्रामीण विकास विभाग के इंजीनियर अजय मुंडा के आवास से भी कई अहम दस्तावेज ईडी को मिले हैं. जानकारी के अनुसार, ईडी को कई अहम जानकारियां मिली हैं और बहुत संभव है कि आनेवाले दिनों में कई सफेदपोशों और धनकुबेरों के चेहरे बेनकाब होंगे.

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