मंगलवार, 21 मई 2024
मेरठ:यू तो आये दिन पुलिस के करनामे छपते रहते है।चाहे तो फरियादियों को परेशान करने का मामला हो या अपराधियों को संरक्षण देने का मामला ऐसे ही कई उदाहरण यदा कदा देखे जा सकते है मगर अब लोहिया नगर पुलिस ने ऐसा कारनामा किया है की उसने माननीय सुप्रीम कोर्ट व माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने से भी गुरेज नहीं की ऐसा ही एक मामला जिसमें कोर्ट के आदेशों की परवाह न करते हुए मामला दर्ज किया गया प्रकरण यह है की एक फरजाना नामक महिला की शिकायत पर थाना लोहिया नगर में मुकदमा अपराध संख्या 196/2024 धारा 420/406 आईपीसी मे दिनांक 15-5-24 को दर्ज किया गया जबकि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 18-04-24 को धारा 420 व 406 को दर्ज करने से पहले विधिक राय लिया जाना व उस राय को एफआईआर के अंत मे दर्ज किया जाना आवश्यक किया गया है। ऐसा ना किया जाने की स्थिति में रिपोर्ट कर्ता अधिकारी के विरुद्ध कन्डेम्ट की कार्यवाही दिनांक 1-5-24 के बाद दर्ज किये जाने वाले मुकदमो पर यह लागू किया जायेगा मगर इस प्रकरण में और पत्रकारों के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने की जल्दबाजी में थाना लोहिया नगर पुलिस द्वारा सुप्रीम कोर्ट की धज्जियां उडाने से भी गुरेज नहीं किया यहां यह बताना भी आवश्यक है की जिस पत्रकार के विरुद्ध जिस महिला फरजाना ने मुकदमा दर्ज कराया है।उसके विरुद्ध सच्चाईयाँ समाचार पत्र मे दिनांक 11-5-24 को एक आर्टिकल (थाना लोहिया नगर पर दर्ज दहेज व बलात्कार के फर्जी मुकदमे का खुलासा करने पर पत्रकार को झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी प्रकाशित किया था)…जिससे चिड़कर पहले धमकी फिर जैसे अंदेशा था फर्जी मुकदमा पत्रकार के विरुद्ध इस संगठित गैंग द्वारा लिखवा दिया गया था।इसमें थाना लोहिया नगर पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे मे है क्योंकि पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा लिखने से पहले न कोई जांच कि गयी और ना ही कोई सबूत इकट्ठा किया गया। पत्रकार के विरुद्ध मुकदमा लिखने में थाना लोहिया नगर पुलिस ने इतनी जल्दबाजी कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने से भी परहेज नहीं किया। न जाने कब पुलिस के रवैइये में बदलाव आएंगा और न्यायालय के आदेशों का पालन कराने व करने वाली पुलिस कोर्ट के आदेशों का कब सम्मान करेंगी।
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