उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट आ रही है। गुरुवार को जारी हुए आंकड़ों के अनुसार, बीते साल के मुकाबले इस साल भारत से उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाने वाले छात्रों की संख्या में अच्छी खासी गिरावट आई है।
ब्रिटेन के गृह विभाग के तहत आने वाले नेशनल स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2023 तक उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 21 हजार की कमी आई है। यह 2022 की तुलना में कुल अप्रवासन में 10 प्रतिशत की गिरावट है।
ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के लिए भी भारतीय छात्र अहम
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक अपने चुनाव अभियान में अप्रवासन पर लगाम को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं। ऐसे में भारतीय छात्रों की संख्या में कमी ब्रिटेन के लिए चिंताजनक बात है। खासकर उन विश्वविद्यालयों के लिए यह ज्यादा चिंताजनक है, जो विदेशी छात्रों से मिलने वाली फीस पर निर्भर करते हैं। आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 तक भारतीय छात्रों को 1,16,455 छात्र वीजा जारी किए गए थे, जो कि कुल छात्र वीजा का 26 प्रतिशत है। पिछले साल के मुकाबले ये 21,717 कम हैं। ब्रिटेन जाने वाले अधिकतर छात्र मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने जाते हैं।
ब्रिटेन जाने वालों में भारतीय सबसे ज्यादा
भारतीय छात्रों की संख्या में कमी, तब आई है, जब ब्रिटेन की सरकार ने वीजा आवेदकों के परिजनों, पत्नी और बच्चों को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऋषि सुनक सरकार ग्रेजुएट रूट वीजा पर भी रोक लगाने पर विचार कर रही है, जिसका विश्वविद्यालयों द्वारा भी विरोध किया जा रहा है। ग्रेजुएट रूट वीजा योजना के तहत मार्च 2024 तक 64,372 भारतीय छात्रों को वीजा मिला, जो कि इस योजना के तहत मिले कुल वीजा की संख्या का आधा है। साल 2023 में दिसंबर तक ब्रिटेन जाने वाले भारतीयों की कुल संख्या ढाई लाख थी, भारत के बाद नाइजीरिया (1,41,000), चीनी (90,000), पाकिस्तानी (83,000), जिंबाब्वे (36,000) के नागरिकों का नंबर आता है। साल 2023 में ब्रिटेन में कुल 10 लाख अप्रवासी पहुंचे थे, जिनमें से 5,32,000 वापस लौट गए थे।
ब्रिटिश विश्वविद्यालयों के लिए भी भारतीय छात्र अहम
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक अपने चुनाव अभियान में अप्रवासन पर लगाम को मुख्य मुद्दा बना रहे हैं। ऐसे में भारतीय छात्रों की संख्या में कमी ब्रिटेन के लिए चिंताजनक बात है। खासकर उन विश्वविद्यालयों के लिए यह ज्यादा चिंताजनक है, जो विदेशी छात्रों से मिलने वाली फीस पर निर्भर करते हैं। आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2024 तक भारतीय छात्रों को 1,16,455 छात्र वीजा जारी किए गए थे, जो कि कुल छात्र वीजा का 26 प्रतिशत है। पिछले साल के मुकाबले ये 21,717 कम हैं। ब्रिटेन जाने वाले अधिकतर छात्र मास्टर डिग्री की पढ़ाई करने जाते हैं।
ब्रिटेन जाने वालों में भारतीय सबसे ज्यादा
भारतीय छात्रों की संख्या में कमी, तब आई है, जब ब्रिटेन की सरकार ने वीजा आवेदकों के परिजनों, पत्नी और बच्चों को लाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऋषि सुनक सरकार ग्रेजुएट रूट वीजा पर भी रोक लगाने पर विचार कर रही है, जिसका विश्वविद्यालयों द्वारा भी विरोध किया जा रहा है। ग्रेजुएट रूट वीजा योजना के तहत मार्च 2024 तक 64,372 भारतीय छात्रों को वीजा मिला, जो कि इस योजना के तहत मिले कुल वीजा की संख्या का आधा है। साल 2023 में दिसंबर तक ब्रिटेन जाने वाले भारतीयों की कुल संख्या ढाई लाख थी, भारत के बाद नाइजीरिया (1,41,000), चीनी (90,000), पाकिस्तानी (83,000), जिंबाब्वे (36,000) के नागरिकों का नंबर आता है। साल 2023 में ब्रिटेन में कुल 10 लाख अप्रवासी पहुंचे थे, जिनमें से 5,32,000 वापस लौट गए थे।
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