पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जयंत सिन्हा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हजारीबाग सीट पर 20 मई को हुई वोटिंग में मतदान नहीं करने पर पार्टी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
भाजपा ने दो दिन में जवाब देने को कहा
झारखंड के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि 'यह देखा गया है कि हजारी बाग सीट से पार्टी ने जब से मनीष जायसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया तब से आपने पार्टी के संगठनात्मक कार्यों एवं चुनाव प्रचार में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। यहां तक कि मतदान के दिन अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना भी जरूरी नहीं समझा। आपके इस आचरण से पार्टी की छवि धूमिल हुई है। आपने ऐसा आचरण क्यों किया? इसका जवाब दो दिन में दीजिए।' भविष्य की कार्रवाई के बारे में पूछे जाने पर साहू ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा कि यह जयंत सिन्हा के जवाब पर निर्भर करेगा।
चुनाव प्रचार से दूर रहे जयंत
झारखंड में लोकसभा चुनाव में भाजपा सांसद चुनाव प्रचार से दूर रहे। हालांकि, वहीं कई मौके पर जयंत सिन्हा के पुत्र कांग्रेस उम्मीदवार के मंच पर दिखे। इससे कई तरह की अटकलें लगाई जानें लगीं। जबकि जयंत सिन्हा के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने खुलकर भाजपा प्रत्याशी मनीष जायसवाल का विरोध किया। जयंत सिन्हा पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे यशवंत सिन्हा के पुत्र हैं। यशवंत वाजपेयी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं।
जयंत ने चुनाव न लड़ने की जताई थी इच्छा
जायसवाल के हजारीबाग से लोकसभा उम्मीदवार की घोषणा होने से कुछ घंटे पहले ही सिन्हा ने पार्टी नेतृत्व से उन्हें चुनावी राजनीति से मुक्त करने का अनुरोध किया था। दो मार्च को सिन्हा ने एक्स पर पोस्ट में कहा, वह आर्थिक और शासन के मुद्दों पर पार्टी के साथ काम करना जारी रखेंगे और अपने प्रयासों को 'भारत और दुनिया भर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन से निपटने' पर केंद्रित करना चाहते हैं।
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