बदरीनाथ धाम में इस बार दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था लागू की गई है। क्यू मैनेजमेंट सिस्टम के तहत ही श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई है। 12 मई को बैकुंठ धाम बदरी विशाल के कपाट खुल जाएंगे।
चमोली प्रशासन की ओर से बदरीनाथ धाम में दर्शन स्लॉट टोकन वितरण एवं कतार प्रबंधन व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई। धाम में श्रद्धालुओं को दर्शन टोकन वितरण से ही कराया जाएगा।
बदरीनाथ धाम में पहुंचने पर तीर्थयात्रियों को सबसे पहले पर्यटन विभाग की ओर से बनाए गए रजिस्ट्रेशन काउंटर में अपना रजिस्ट्रेशन पत्र दिखाना होगा। इसके बाद उनका रजिस्ट्रेशन नंबर क्यूआर कोड से स्कैन करने के बाद तीर्थ यात्रियों को एक टोकन दिया जाएगा। जिसमें बदरीनाथ दर्शन का समय अंकित होगा। तीर्थयात्री उसी निर्धारित समय पर मंदिर में प्रवेश कर दर्शन कर सकते हैं।
चार धाम यात्रा के लिए इस बार 20 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। ऐसे में सरकार को इस बार रिकॉर्ड श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। जिसके लिए इस बार पंजीकरण के अलावा टोकन सिस्टम समेत कई अन्य जरूरी नियम बनाए जा रहे हैं। जिससे भीड़ को नियंत्रित करने के साथ ही श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।
12 मई को प्रातः 6 बजे भू वैकुण्ठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे। वहीं आज भगवान बदरीनाथ धाम का तेल कलश गाडू घड़ा दूसरे चरण की शोभा यात्रा लक्ष्मी नारायण मंदिर से शुरू हुई। गाड़ू घड़ा तेल यात्रा ने बदरीनाथ धाम के लिए प्रस्थान किया।
श्री लक्ष्मी- नारायण मंदिर डिम्मर से गाड़ूघड़ा तेल यात्रा आज निकली। श्रीबदरीनाथ धाम गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा 25 अप्रैल की देर शाम नरेंद्र नगर राज दरबार से निकली थी। जहां परंपरानुसार राजमहल में सुहागिन महिलाएं भगवान बदरी विशाल के अभिषेक के लिए तिलों से तेल पिरोकर चांदी के कलश में रखती हैं। इसी तेल से भगवान का अभिषेक किया जाता है।
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