कर्नाटक के दावणगेरे जिले के शनिवार को पुलिस कस्टडी में एक व्यक्ति मौत को बाद हिंसा भड़क गई. मौत के बाद गुस्साई भीड़ थाने के चारो ओर से घेर लिया नारेबाजी करने लगे. भीड़ ने पुलिस थाने में तोड़फोड़ की और कई वाहनों को आग लगा दी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस घटना पर कहा कि हमले के बाद पुलिस उपाधीक्षक और चन्नागिरी पुलिस थाने के निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि यह मौत हिरासत में नहीं हुई है. मौत की खबर के बाद उसके रिश्तेदारों के साथ लोगों के एक बड़े समूह ने हंगामा किया, पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया और पुलिस थाने पर पथराव किया. उनका आरोप है कि आदिल की मौत हिरासत में हुई है.
दावणगेरे की पुलिस अधीक्षक (एसपी) उमा प्रशांत ने कहा कि शव को सरकारी अस्पताल में ले जाया गया है और पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा. एसपी के मुताबिक, पुलिस इलाके में गश्त कर रही है और चन्नागिरी में अतिरिक्त बल तैनात किया गया है. उन्होंने बताया पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. पोस्टमार्टम मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में किया जाएगा.
पुलिस का दावा है कि थाने लाए जाने के छह से सात मिनट के अंदर ही आरोपी की मौत हो गई. घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिद्धारमैया बताया कि आरोपी व्यक्ति को मिर्गी के दौरे आते थे. मुख्यमंत्री ने कहा, 'आरोपी को दौरे पड़ते थे. इसलिए मैंने कहा कि उसे थाने बुलाना गलत था. पुलिस उपाधीक्षक और पुलिस निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है क्योंकि बिना प्राथमिकी के किसी को थाने नहीं लाया जा सकता.'
मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोपी को पूछताछ के बाद वापस भेजा जाना चाहिए था और उसे थाने में हिरासत में नहीं रखना चाहिए था. उन्होंने कहा, 'पुलिस की गलती है, लेकिन यह हवालात में हुई मौत नहीं है. मैंने इसके बारे में पता किया है.'
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