ब्राजील में जे20 शिखर सम्मेलन में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हुए। उन्होंने इस सम्मेलन को संबोधित भी किया। इस दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारी अदालतों को आम लोगों पर थोपने के लिए नहीं बनाया गया बल्कि इन्हें लोकतांत्रिक स्थानों के रूप में स्थापित किया गया है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 में अदालत प्रणालियों को आगे बढ़ाया है, जिसे रातोरात बदलने के लिए हमें मजबूर होना पड़ा।
जे20 शिखर सम्मेलन वह मंच है, जो जी20 सदस्य देशों की सर्वोच्च और संवैधानिक अदालतों के प्रमुखों को अफ्रीकी संघ और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ लाता है।इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय स्थिरता और बेहतर न्यायिक क्षमता जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का अवसर मिलता है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने किया जे20 सम्मेलन को संबोधित
जे20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए चंद्रचूड़ ने कहा, "हमारा मानना है कि धूप सबसे अच्छा कीटाणुनाशक है। सही और सुलभ जानकारी दुष्प्रचार का प्रतिकारक है।" उन्होंने आगे कहा, "भारत में जजों के लिए बार से जुड़ना और जवाब पाने के लिए क्रूर वकील की भूमिका निभाना आम बात है। कभी-कभी इसमें गलती हो जाती है। अच्छी बात ये है कि हमारे पास कानूनी पत्रकारों का एक मजबूत नेटवर्क है, जो कार्यवाही की लाइव रिपोर्टिंग करते हैं। इससे दुष्प्रचार को दूर करने में काफी मदद मिलता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम अपने निर्णय के लिए एसयूवीएएस (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर) का उपयोग करते हैं। यह एक मशीन लर्निंग, एआई सक्षम अनुवाद टूल है, तो 16 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करता है। अबतक 36,000 से अधिक मामलों का अनुवाद किया गया है। महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों का लाइव स्ट्रीमिंग और यूट्यूब रिकॉर्डिंग भी है।"
टेकनोलॉजी सभी सामाजिक असमानताओं के लिए रामबाण इलाज नहीं: सीजेआई
चंद्रचूड़ ने बताया कि डिजिटल एससीआर के जरिए सीजेआई ने कहा कि आम लोगों को डिजिटल एससीआर (सुप्रीम कोर्ट रिकॉर्ड्स) के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों तक आसान पहुंच प्रदान की जाती है। जहां 30,000 से अधिक पुराने निर्णय मुफ्त में उपलब्ध हैं।
सीजेआई ने कहा, "जब हम न्यायिक दक्षता के बारे में बात करते हैं तो हमें न्यायाधीश की दक्षता से परे देखना चाहिए और संपूर्ण रूप से न्यायिक प्रक्रिया के बारे में सोचना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि टेकनोलॉजी सभी सामाजिक असमानताओं के लिए केवल एक ही रामबाण इलाज नहीं है। एआई प्रोफाइलिंग, गलत सूचना और संवेदनशील जानकारी का प्रदर्शन और एआई में ब्लैक बॉक्स मॉडल की अस्पष्टता जैसे जटिल मुद्दों के खतरों के बारे में विचार विमर्श के साथ इससे निपटना चाहिए।
जे20 शिखर सम्मेलन वह मंच है, जो जी20 सदस्य देशों की सर्वोच्च और संवैधानिक अदालतों के प्रमुखों को अफ्रीकी संघ और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ लाता है।इस कार्यक्रम में सामाजिक न्याय, पर्यावरणीय स्थिरता और बेहतर न्यायिक क्षमता जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का अवसर मिलता है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने किया जे20 सम्मेलन को संबोधित
जे20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए चंद्रचूड़ ने कहा, "हमारा मानना है कि धूप सबसे अच्छा कीटाणुनाशक है। सही और सुलभ जानकारी दुष्प्रचार का प्रतिकारक है।" उन्होंने आगे कहा, "भारत में जजों के लिए बार से जुड़ना और जवाब पाने के लिए क्रूर वकील की भूमिका निभाना आम बात है। कभी-कभी इसमें गलती हो जाती है। अच्छी बात ये है कि हमारे पास कानूनी पत्रकारों का एक मजबूत नेटवर्क है, जो कार्यवाही की लाइव रिपोर्टिंग करते हैं। इससे दुष्प्रचार को दूर करने में काफी मदद मिलता है।"
उन्होंने आगे कहा, "हम अपने निर्णय के लिए एसयूवीएएस (सुप्रीम कोर्ट विधिक अनुवाद सॉफ्टवेयर) का उपयोग करते हैं। यह एक मशीन लर्निंग, एआई सक्षम अनुवाद टूल है, तो 16 क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करता है। अबतक 36,000 से अधिक मामलों का अनुवाद किया गया है। महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों का लाइव स्ट्रीमिंग और यूट्यूब रिकॉर्डिंग भी है।"
टेकनोलॉजी सभी सामाजिक असमानताओं के लिए रामबाण इलाज नहीं: सीजेआई
चंद्रचूड़ ने बताया कि डिजिटल एससीआर के जरिए सीजेआई ने कहा कि आम लोगों को डिजिटल एससीआर (सुप्रीम कोर्ट रिकॉर्ड्स) के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के फैसलों तक आसान पहुंच प्रदान की जाती है। जहां 30,000 से अधिक पुराने निर्णय मुफ्त में उपलब्ध हैं।
सीजेआई ने कहा, "जब हम न्यायिक दक्षता के बारे में बात करते हैं तो हमें न्यायाधीश की दक्षता से परे देखना चाहिए और संपूर्ण रूप से न्यायिक प्रक्रिया के बारे में सोचना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि टेकनोलॉजी सभी सामाजिक असमानताओं के लिए केवल एक ही रामबाण इलाज नहीं है। एआई प्रोफाइलिंग, गलत सूचना और संवेदनशील जानकारी का प्रदर्शन और एआई में ब्लैक बॉक्स मॉडल की अस्पष्टता जैसे जटिल मुद्दों के खतरों के बारे में विचार विमर्श के साथ इससे निपटना चाहिए।
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