नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने नीट पेपर सॉल्वर गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया हैं, जिनमें से दो एमबीबीएस के छात्र हैं. जांच में यह खुलासा हुआ है कि आरोपियों को आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के सहारे गिरफ्तार किया गया है.
डीसीपी देवेश कुमार महला के मुताबिक नीट एग्जाम के दौरान नकल पर बड़ी कार्रवाई करते हुए नई दिल्ली जिले के स्पेशल स्टाफ ने शनिवार को पेपर सॉल्व करने वाले रैकेट में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में सरकारी मेडिकल कॉलेजों के दो एमबीबीएस छात्रों के साथ-साथ वो लोग भी शामिल हैं, जो उनकी मदद कर रहे थे. कार्रवाई के दौरान चार मोबाइल फोन और एक कार भी जब्त की गई है.
पुलिस को मुताबिक बीते 5 मई को भारतीय विद्या भवन मेहता विद्यालय में नीट परीक्षा के दौरान दो छात्रों का बायोमेट्रिक डेटा मैच नहीं हो रहा था, जिसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. फिर तिलक मार्ग थाने में केस दर्ज करते हुए प्रॉक्सी छात्र सुमित मंडोलिया और कृष्ण केसरवानी को गिरफ्तार कर लिया गया.
अपराध की गंभीरता को देखते हुए मामला स्पेशल टीम ने इसकी जांच शुरू की. टीम बाकी आरोपियों का पता लगाने के लिए दिल्ली, अलवर, जयपुर और नोएडा में सिलसिलेवार छापे मारे. ये छापे तकनीकी निगरानी से मिली खुफिया जानकारी पर आधारित थे.
पूछताछ के दौरान आरोपी सुमित मंडोलिया और कृष्ण केसरवानी ने इस सिंडिकेट को चलाने वाले नामों का खुलासा किया, उनकी पहचान प्रभात कुमार और किशोर लाल के रूप में हुई. हालांकि, उन्हें पकड़ना चुनौतीपूर्ण साबित हुआ. काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उन्हें नोएडा के एक होटल से पकड़ा गया.
27 साल का किशोर लाल जोधपुर का रहने वाला है. उसने मेडिकल स्कूल एडमिशन सलाहकार के रूप में काम करते हुए अव्वल छात्रों की पहचान की और फिर उन्हे एग्जाम में हेराफेरी करने के लिए पैसे की पेशकश की. दूसरा आरोपी 37 साल का प्रभात कुमार पटना का रहने वाला है. आरोपी पहले पटना में एक कोचिंग एकेडमी चलाता था. तीसरा आरोपी सुमित मंडोलिया जयपुर का रहने वाला है और वह वर्तमान में पश्चिम बंगाल के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सेकेंड ईयर का छात्र है, जबकि चौथा आरोपी कृष्ण केसरवानी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का रहने वाला है. फिलहाल वो उत्तराखंड के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का छात्र है.
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