चुनाव प्रचार के दौरान शैक्षणिक संस्थाओं और विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में आरएसएस के लोगों की नियुक्ति किए जाने के राहुल गांधी के आरोपों का विवाद गरमा गया है।
देश भर के 181 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और प्रमुख शिक्षाविदों ने राहुल गांधी की टिप्पणी को खारिज करते हुए उन पर राजनीतिक लाभ के लिए झूठ का सहारा लेने का आरोप लगाया है।
साथ ही पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ इसको लेकर कानूनी कार्रवाई की मांग भी उठाई है। शिक्षाविदों ने अपने पत्र में कहा है कि राहुल गांधी की एक्स पोस्ट और सूत्रों से हमें पता चला है कि उन्होंने आरोप लगाया है कि कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं, बल्कि किसी संगठन से जुड़े होने के आधार पर की जाती है।
शिक्षाविदों ने राहुल गांधी के आरोपों को किया खरीज
इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए शिक्षाविदों ने दावा किया है कि कुलपतियों की नियुक्ति में योग्यता, विशेषज्ञता और ईमानदारी के साथ पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई जाती है। ज्ञान के संरक्षक और प्रशासक के रूप में कुलपति नैतिक व्यवहार और संस्थागत अखंडता को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं। कांग्रेस नेता के आरोपों को खारिज करते हुए शैक्षिक उन्नयन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताते हुए शिक्षाविदों ने दावा किया कि भारत के विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं।
राजनीतिक लाभ के लिए झूठ का सहारा
वैश्विक रैंकिंग सुधरने के साथ ही विश्वस्तरीय शोध कार्य, नवाचार, इंडस्ट्री और शैक्षिक संस्थानों के बीच गैप कम करने सहित विभिन्न सुधारों पर काम हो रहा है। तर्कों के इन दावों के साथ बताया गया है कि राहुल गांधी के आरोप निराधार हैं और राजनीतिक लाभ के लिए झूठ का सहारा लेकर पूरी व्यवस्था को बदनाम किया है।
पत्र पर कई शिक्षाविदों के हस्ताक्षर
पत्र पर सीएसजेएम विवि कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक, पैसिफिक विवि उदयपुर के चांसलर प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा, महात्मा गांधी ग्रामोदय विवि चित्रकूट के कुलपति प्रोफेसर एनसी गौतम, गुरु घासीदास केंद्रीय विवि बिलासपुर के कुलपति प्रोफेसर आलोक चक्करवल, बीआर आंबेडकर राष्ट्रीय विधि विवि सोनीपत के पूर्व कुलपति प्रोफेसर विनय कपूर, सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी आंध्र प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर तेजस्वी वी. कट्टीमिण, एआइसीटीई के चेयरमैन व आइआइटी गुवाहाटी के पूर्व निदेशक डा. टीजी सीताराम आदि समेत कई शिक्षाविदों के हस्ताक्षर हैं।
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