देश के लिए साल 2024 काफी खास है. इस साल देश लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार के लिए तैयार हो रहा है. ऐसे में देश की सुरक्षा सर्वोपरी है. हमारी जांच एजेंसियां इसी कोशिश में हैं कि अच्छे से ये लोकसभा चुनाव हों, इसलिए लगातार कड़ी निगरानी की जा रही है.
किया है.
देश में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश में जुटे तीन आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है. ये तीनों फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खुद को भारतीय नागरिक बता रहे थे, लेकिन एटीएस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है. दरअसल नेपाल के रास्ते भारत में घुस रहे तीन आतंकियों को एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आतंकियों में दो पाकिस्तानी और एक कश्मीरी नागरिक शामिल है. बता दें कि इन आतंकियों को संबंध हिज्बुल मुजाहिद्दीन और आईएसआई से है.
एटीएस को बड़ी सफलता
उत्तर प्रदेश एटीएस के हाथ बड़ी सफलता लगी है. दरअसल यूपी एटीएस को पिछले कुछ दिनों से यह सूचना मिल रही थी कि पाकिस्तानी नागरिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से नेपाल के रास्ते भारत में प्रवेश करने वाले हैं. एटीएस को यह सूचना भी मिली थी कि ये लोग भारत में आतंकी घटना को अंजाम देने का मंसूबा रखते हैं और आईएसआई के सहयोग से हिज्बुल मुजाहिद्दीन के ट्रेनिंग कैंप में प्रशिक्षण भी ले चुके हैं.
एटीएस ने चलाया तलाशी अभियान
सूचना के बाद एटीएस ने इलाकों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया था. जगह-जगह छापेमारी की जा रही थी. एटीएस की गोरखपुर टीम ने सर्विलांस शुरू किया और यह जानकारी सामने आई की दो पाकिस्तानी व्यक्ति भारत-नेपाल सीमा के तटवर्ती गांव शेख फरेन्दा होते हुए एक अंजान रास्ते से भारत में प्रवेश करने वाले हैं. तीनों के नाम मोहम्मद अल्ताफ भट्ट, सैय्यद गजनफर और नासिर अली है. इनमें से अलताफ और सैय्यद गजनफर पाकिस्तानी नागरिक हैं जबकि, नासिर अली कश्मीर का रहने वाला है.
आतंकी ने खोले कई राज़
गिरफ्तार अल्ताफ ने पूछताछ में बताया कि वह कारगिल युद्ध के बाद वह हिजबुल मुजाहिदीन के एक मिलिटेन्ट के साथ जिहाद की ट्रेनिंग के लिए पाकिस्तान चला गया था. वह हमेशा से ही चाहता था कि कश्मीर, पाकिस्तान का हिस्सा बने. पाकिस्तान पहुंचकर आईएसआई के निर्देशन मे हिजबुल मुजाहिदीन के मुजफ्फराबाद कैम्प में उसने जेहादी प्राशिक्षण लिया था. अल्ताफ ने ये भी बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई, कश्मीर स्थित आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिलकर भारत में आतंक फैलाने के उद्देश्य से भारतीय लोगों को अपने साथ जोड़ रही हैं.
भाषण सुनकर प्रभावित हुआ था आतंकी
अल्ताफ ने बताया कि वह हिजबुल मुजाहिदीन का साहित्य पढ़कर और जेहादी संगठनों के अमीर उस्तादों की तकरीरों को सुनकर उनसे प्रभावित हुआ था. अलताफ ने हिजबुल के कैम्प में असलहों की ट्रेनिंग की और वह लम्बे समय तक कैम्प में रहकर वहां के कमाण्डरों के दिशा-निर्देशन में काम करता रहा. अलताफ को एचएम के मुजाहिदों से हिदायत मिली थी कि वो खुफिया तौर से नेपाल के रास्ते जम्मू-कश्मीर, भारत में पहुंचें जहां पर उसे आगे के प्लान के बारे में बताया जायेगा.
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