प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर विपक्षियों पर जमकर निशाना साधा था। अब उनकी टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने बुधवार को आरोप लगाया कि यह योजना सबसे संस्थागत भ्रष्टाचार है, जिसे लोकतंत्र में अंजाम दिया जा सकता है।
इस दौरान तिवारी ने योजना को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का भी आभार जताया। उन्होंने कहा कि जब साल 2017 में इस योजना को लाया गया था तब हमने इसका पूरी तरह से विरोध किया था क्योंकि इसमें कोई पारदर्शिता नहीं थी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस बात को सिद्ध करता है कि चुनावी बॉन्ड योजना अपारदर्शी थी। इस मामले में पैसे लेने वाले और देने वाले दोनों का पता नहीं चल पाया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से यह साबित हो चुका है कि एक तरफ ईडी और सीबीआई जाते हैं और दूसरी तरफ चुनावी बॉन्ड आते हैं।
राहुल गांधी एक गंभीर नेता
उन्होंने आगे कहा, 'चुनावी बॉन्ड योजना सबसे संस्थागत भ्रष्टाचार है, जिसे लोकतंत्र में अंजाम दिया जा सकता है। मैं शुक्रगुजार हूं कि सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।' इसके अलावा, तिवारी ने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी एक बहुत ही गंभीर नेता हैं और भाजपा उन्हें नियमित रूप से निशाना बनाती है क्योंकि वे उनसे डरते हैं।
पैदल चलकर लोगों का समझा दुख
मनीष तिवारी ने आगे कहा, 'किसी ने तीन हजार किलोमीटर पैदल चलकर इस देश के दुख-दर्द को समझने की कोशिश की है। चंद्रशेखर के बाद 1983 में राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल यात्रा की। अगर वे राहुल को निशाना बनाते हैं तो इसका मतलब है कि वे राहुल से डरे हुए हैं।'
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भाजपा केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में एक सीट भी नहीं जीतेगी।
पीएम मोदी ने लगाया था ये आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर विपक्षी दलों पर झूठ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब ईमानदारी से विचार किया जाएगा तो सभी को इसका पछतावा होगा। उन्होंने आगे कहा कि इस योजना का उद्देश्य चुनावों में काले धन पर अंकुश लगाना था। विपक्ष आरोप लगाकर भागना चाहता है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों द्वारा कार्रवाई किए जाने पर दान देने वाली 16 कंपनियों में से केवल 37 प्रतिशत राशि भाजपा को गई और 63 प्रतिशत भाजपा के विरोध में विपक्षी दलों को मिली।
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