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बुधवार, 17 अप्रैल 2024

Opinion : अगली पीढ़ी के लिए प्लान बनाने वाले स्टेट्समैन हैं पीएम मोदी

 



तीन दशक पहले कॉलेज में राजनीति शास्त्र तो सिर्फ सब्सिडियरी में पढ़ा था, लेकिन चंद लाईनें अब भी याद हैं. लिखा था कि जो अपने चुनावी घोषणापत्र में अगले चुनावों को ध्यान में रखते हुए वायदे करता है वो नेता होता है… लेकिन जो अपने घोषणा पत्र में अगली पीढ़ी को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को लागू करता है उसे कहते हैं स्टेट्समैन.

बीजेपी का संकल्प पत्र साबित करता है कि पीएम मोदी वाकई एक स्टेट्समैन ही हैं.

पीएम मोदी हमेशा से मुफ्त की रेवड़ी बांटने की खिलाफत करते रहे हैं. पीएम चाहते हैं कि नागरिकों का जीवन यापन सरकार के हस्तक्षेप पर निर्भर नहीं हो. इसलिए जब बीजेपी का शपथ पत्र जनता के सामने आया तो साफ हो गया कि मोदी सरकार विपक्षी गठबंधनो की तर्ज पर शार्ट टर्म प्लानिंग में नहीं चलना चाहती, बल्कि आने वाली पीढ़ी को 2047 तक विकसित भारत का तोहफा देना चाहती है.

बीजेपी के संकल्प पत्र की शुरुआत में ही पीएम नरेंद्र मोदी का देश की जनता के नाम लिखा गया खुला खत भी है. इस खत की आखिरी दो लाईनें ही उनके ऐजेंडा का पूरा सार बयान कर देती हैं. पीएम ने लिखा है कि 'आपकी आशा-अकांक्षा को पूरा करना हमारा मिशन है. आपके सपने मेरी जिम्मेदारी हैं. आईए हम सब मिलकर ऐसा देश बनाएं जिस पर हमारी भावी पीढ़ी को गौरव हो.'

जनता के नाम लिखे इस खुले खत में पीएम ने अगले पांच सालों के लिए जनता का समर्थन तो मांगा ये कहते हुए मांगा कि 2014 का जन समर्थन पॉलिसी पैरालिसिस से बाहर निकाल कर बड़े बदलाव किए. 2019 का बड़ा जनादेश विकास को बड़ी गति देने में सफल रहा. अब का जनादेश तमाम सुधारों को लागू कर 2047 तक देश को विकसित भारत बनाने की दिशा में आगे बढेगा. इसके लिए मोदी सरकार 24 घंटे काम करेगी और यही नरेंद्र मोदी की गारंटी है.

2014 में सत्ता संभालने के बाद पीएम मोदी ने कहा था मिनिमम गवर्नमेंट और मैक्सीमम गवर्नेंस पर उनकी सरकार काम करेगी. अब सत्ता में 10 साल पूरे हो रहे हैं और पीएम मोदी ने आम जनता की सरकार पर निर्भरता कम करने की कोशिशें लगातार जारी रखी है… चाहे वो किसी भी वर्ग या संप्रदाय के हों. मोदी सरकार का पूरा ध्यान जनता के सशक्तिकरण के लिए है. न कि सिर्फ उनके लिए बनी योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए . पीएम जानते हैं कि दुनिया का कोई भी देश पूरी आबादी को सरकारी नौकरी नहीं देता है. मोदी सरकार की कोशिश ही रही है कि सबकी सरकार पर निर्भरता घटे. जिस लालफीताशाही के कारण लोग अपना काम नहीं कर पाते उसे दूर करना ताकि जनता को अपने स्वरोजगार में सरकार पर निर्भर नहीं रहना पड़े.

पीएम चाहते हैं युवा, महिला, कस्बों, गावों में लोग खुद रोजगार करें और दूसरों को रोजगार देने के काबिल बने. पीएम मोदी का संदेश यही है कि आम जनता के रोजमार्रा की जिंदगी और स्वरोजगार में सरकार का अभाव नही बल्कि उनका काम आसान करने में सरकार का प्रभाव झलके. यानि पीएम मोदी का ऐजेंडा यही है कि आम नागरिकों को जीवन के हर पल में सरकार का हस्तक्षेप नजर नहीं आए.

अब जब पूरी दुनिया कहने लगी है कि आने वाला समय भारत का समय है और एक बेहतर कल के लिए भारत की भूमिका भी स्वीकार कर रही है. ऐसे समय में भारत उडान भरने को तैयार है. तभी तो पीएम ने अपने संदेश में लिखा है कि अब हमें और परिश्रम करना है और हमने नई सरकार के लिए 100 दिनों की कार्ययोजना भी तैयार कर ली है.

अगले कार्यकाल में पीएम मोदी का लक्ष्य है देश को तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना. साथ ही अगले जेनेरेशन रिफार्म्स पर देश को अमल में लाना. गरीबी और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लडने का लक्ष्य भी पीएम मोदी ने रखा है. गरीबी हटाओ जैसे लोक लुभावन वायदों से दूर संकल्प पत्र पीएम मोदी के दिशा निर्देश पर खरा उतरा है. मोदी गारंटी तो है ही, लेकिन 2047 का विकसित भारत बनाने के लिए वोट मांगना ये साबित करता है कि चिंता देश की भी है और देश का निर्माण करने वाली भविष्य की पीढ़ी की भी.

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