राजीव जैन की इनवेस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना निवेश बढ़ा दिया है। GQG पार्टनर्स ने मार्च तिमाही के दौरान अडानी ग्रुप की 6 कंपनियों में 8,300 करोड़ रुपए या करीब 1 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश किया।
GQG पार्टनर्स ने जिन 6 कंपनियों में निवेश किया है, उनमें अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises), अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस (Adani Energy Solutions), अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy), अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (Adani Ports and SEZ), अडानी पावर (Adani Power) और अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) शामिल हैं।
मार्च तिमाही के दौरान, GQG पार्टनर्स ने सबसे अधिक 2,316 करोड़ रुपए का निवेश अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस में किया। इसके बाद अडानी पावर और अडानी एंटरप्राइजेज में क्रमशः 2,138 करोड़ रुपए और 1,555.18 करोड़ रुपए का निवेश कर अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई। इसके अलावा GQG ने अडानी ग्रीन एनर्जी के 1,369.27 करोड़ रुपए और अडानी पोर्ट्स एंड SEZ के 886.10 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। वहीं अंबुजा सीमेंट्स में इसने मार्च तिमाही के दौरान 33 करोड़ रुपए के शेयर खरीद अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई।
GQG पार्टनर्स के पास अब अडानी एनर्जी में 4.53 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू 5,183 करोड़ रुपए है। वहीं अडानी एंटरप्राइजे में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 3.38 फीसदी हो गई है, जिसकी वैल्यू 12,067 करोड़ रुपए है। अडानी ग्रीन एनर्जी में GQG की हिस्सेदारी 4.16 प्रतिशत हिस्सेदारी हो गई है, जिसकी वैल्यू 12,067 करोड़ रुपए है।
इसके अलावा अडानी पोर्ट्स एंड SEZ में GQG पार्टनर्स की हिस्सेदारी बढ़कर 4.07 फीसदी हो गई, जिसकी वैल्यू 11,792 करोड़ रुपए है। वहीं अडानी पावर में उनकी हिस्सेदारी बढ़कर 5.2 फीसदी हो गई है, जिसकी वैल्यू 10,719 करोड़ रुपए है। अंबुजा सीमेंट में कंपनी के पास 1.9 हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू 2,260 करोड़ रुपए है।
GQG पार्टनर्स ने मार्च तिमाही के दौरान अडानी ग्रुप की किस कंपनी में कितनी हिस्सदारी खरीदी, इसे आप नीचे दिए तस्वीर में देख सकते हैं-मार्केट एनालिस्ट्स, अजय बोडके ने बताया, 'अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तगड़ी गिरावट देखी गई। हालांकि GQG और ग्लोबल निवेशकों ने इसे खरीदारी के मौके के रूप में देखा। उन्होंने तब अडानी ग्रुप के वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर और इसकी कारोबारी क्षमताओं को हवाला देते हुए इसमें निवेश किया था। इसका इन्हें अब लाभ मिल रहा है।'
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