MP News: बुरहानपुर में दो आरोपियों की एमएलसी (मेडिको लीगल) कराने आए पुलिसकर्मी से बदसलूकी करने वाले डॉक्टर रघुवीर सिंह को जिला अस्पताल से हटा दिया गया है. सिविल सर्जन ने कारण बताओ नोटिस देकर डॉक्टर से 24 घंटे के भीतर जवाब भी मांगा है.
दरअसल, बुरहानपुर के शाहपुर थाना इलाके में विवाद हो गया था. दोनों शिकायत करने थाने पहुंचे दोनों घायलों को पुलिसकर्मी मेडिको लीगल सर्टिफिकेट के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. इस दौरान ड्यूटी डॉ. रघुवीर सिंह से पुलिसकर्मी की बहस हो गई.
डॉक्टर रघुवीर सिंह ने एक एमएलसी तो कर दी लेकिन इमरजेंसी मरीज देखने की वजह से दूसरी MLC के लिए पुलिसकर्मी दीपक प्रधान को इंतजार करने के लिए कहा. जबकि कॉन्स्टेबल ने बताया कि दूसरी एमएलसी के लिए बोलने पर डॉक्टर ने दो टूक कह दिया कि शाहपुर थाने से हो तो मैं यह एलएलसी नहीं कर सकता. शाहपुर में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है, वहीं जाकर कराओ. इस पर पुलिसकर्मी ने कहा कि आज शाहपुर में कोई डॉक्टर नहीं है. पुलियकर्मी ने अपने अधिकारियों से भी बात कराई लेकिन डॉक्टर ने एक न सुनी.
पुलिसकर्मी और डॉक्टर के बीच बहस छिड़ गई. इसी बीच पुलिसकर्मी ने डॉक्टर को अच्छे से बात करने के लिए बोला. लेकिन गुस्साए डॉक्टर रघुवीर सिंह कहने लगे, ''मैं नौकरी को जूते की नोंक पर रखता हूं. तू सस्पेंड करा दे, मैं नहीं डरता. शौक के लिए नौकरी करता हूं. मैं कोई पुलिसकर्मी नहीं हूं, जो नौकरी चली जाएगी तो कुछ कर नहीं पाऊंगा. तू कलेक्टर को भी फोन लगवा दे तो तेरा मेडिकल नहीं करूंगा. मैं यहां से बाहर जाकर भी तीन गुना कमा सकता हूं.''
इसी बीच, पुलिसकर्मी ने अपने थाना प्रभारी (टीआई) से बात कराने के लिए कहा तो डॉक्टर बोले, ''तेरा टीआई थर्ड क्लास श्रेणी का है. मैं सेकेंड क्लास ऑफिसर हूं. तुझे जो करना है, कर ले.'' :-
सिविल सर्जन अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रदीप कुमार मोजेश ने इस मामले के बाद डॉ. रघुवीर सिंह को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा है. वहीं, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. राजेश सिसौदिया ने बदतमीजी की शिकायत मिलने पर फिलहाल डॉ. रघुवीर का ट्रांसफर खकनार के गुलई में कर दिया है. साथ ही स्वास्थ्य आयुक्त को भी इस मामले को लेकर पत्र लिखा है.
बहरहाल, शाहपुर की एमएलसी को लेकर पहली बार विवाद नहीं हुआ है. शाहपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है और वहां डॉक्टर भी नियुक्त है. इसके बावजूद एमएलसी जिला अस्पताल में कराने को लेकर कई बार इस तरह की स्थिति बनी है.
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