छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले में एक दर्दनाक हादसे में तीन मासूम बच्चों के मौत की खबर सामने आ रही है। अंबिकापुर के मैनपाट में देर रात एक घर में आग लगने से तीन मासूम बच्चे जिंदा जल गए हैं।
यह घटना मैनपाट क्षेत्र के बरिमा की बताई जा रही है। जहां बीती रात एक घर में आग लगने से अंदर सो रहे तीन मासूम बच्चों की जलकर मौत हो गई है। इस घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है। फिलहाल आग किन कारणों से लगी है यह पता नहीं चल सका है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि घर में जल रही चिमनी की वजह से झोपड़ी में आग लगी होगी। बतादे कि यह पीड़ित परिवार माझी जनजाति समाज का बताया जा रहा है।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
आग लगने की घटना के बाद पुलिस को मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बरिमा में माँझी बस्ती है। यहां देव प्रसाद और सुधनी माँझी झोपड़ी में रहते थे। बताया जा रहा है कि बच्चों का पिता देव प्रसाद पुणे में काम करता है, और इस वक्त भी पुणे में है। घर पर देव की पत्नी सुगनी, उनकी दो बेटियाँ आठ वर्षीया कुमारी गुलाबी, कुमारी सुषमा और एक लड़का 2 वर्षीय रामप्रसाद के साथ रह रही थे। जिस वक्त आगजनी की घटना हुई वह रात ढाई बजे से तीन बजे के बीच का बताया जा रहा है। फिलहाल आग कैसे लगी अभी तक इसके कारण का पता नहीं चल पाया है। बताया जा रहा है कि जब झोपड़ी में आग लगी और झोपड़ी में बच्चे जल कर मारे गए तब बच्चों की माँ झोपड़ी में नहीं थी।
पुलिस ने कहा चूल्हे से लगी आग
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि घटना शनिवार देर रात बताई जा रही है। कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र के बरिमा गांव एक परिवार झोपड़ी पर रहता था। घटना से पहले जब बच्चों की मां मिट्टी का चूल्हा जलाने के बाद पड़ोसी के घर गई थी। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महिला सुधनी बाई ने रात करीब 9 बजे चूल्हा जलाया और अपनी दूसरी बड़ी बेटी को खोजने पड़ोसी के घर गई। इसके बाद वह करीब 3 बजे लौटी और देखा कि पूरा घर जलकर खाक हो गया है। मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि चूल्हे की लपटों के कारण घर में आग लगी है। उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है।
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