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मंगलवार, 30 अप्रैल 2024

वोटों का जिहाद करो.', कौन हैं मारिया आलम खान? जिनके विवादित बयान पर भड़की बीजेपी

 


Who Is Maria Alam Khan : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का चुनाव प्रचार जोरशोर से चल रहा है। दिग्गज नेता और उम्मीदवार कड़ी धूप में लगातार रैली और जनसभा कर रहे हैं। इस बीच समाजवादी पार्टी की नेता मारिया आलम खान के विवादित बयान से सियासत गरमा गई है।

उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज के लोग एकजुट होकर वोटों का जिहाद करो। इस पर भाजपा ने निशाना साधा है। आइए जानते हैं कि कौन हैं मारिया आलम खान?

कौन हैं मारिया आलम?

मारिया आलम फर्रुखाबाद की सपा जिला उपाध्यक्ष हैं। वे दिवंगत इजहार आलम खान की बेटी और कांग्रेस नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद की भतीजी हैं। फर्रुखाबाद की तहसील कायमगंज में स्थित पितोरा गांव निवासी इजहार आलम कायमगंज से सपा विधायक भी रह चुके हैं।

सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं मारिया आलम?

मारिया आलम ने जामिया इस्लामिया विश्वविद्यालय दिल्ली से शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने ह्यूमन साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की। उनके पति सरोश उमर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं। मारिया आलम राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। उन्होंने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया है।

मरिया आलम ने क्या दिया विवादित बयान?

सलमान खुर्शीद की भतीजी मरिया आलम खान ने मंगलवार को फर्रुखाबाद में सपा उम्मीदवार के समर्थन में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बहुत अकलमंदी और खामोशी के साथ मिलकर वोटों का जिहाद करो। हमलोग सिर्फ वोटों का जिहाद ही कर सकते हैं, जिससे इस सरकार को भगाने का काम किया जा सकता है। मुझे पता चला कि कुछ मुसलमानों ने मुकेश राजपूत के साथ बैठक की, जोकि शर्म की बात है। ऐसे लोगों का समाज में हुक्का-पानी बंद कर देना चाहिए।

भाजपा ने बोला हमला

भारतीय जनता पार्टी के नेता अमित मालवीय ने एक्स पर विवादित बयान का वीडियो शेयर करते हुए मरिया आलम पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि किसी गैर मुस्लिम का समर्थन करने के लिए मुसलमानों को शर्मिंदा करना इस्लामी खिलाफत के निर्माण का एक नुस्खा है और कांग्रेस 'धर्मनिरपेक्ष' होने का दावा करती है। अगर एक शिक्षित सलमान खुर्शीद का परिवार इतना कट्टरपंथी है तो आम मुसलमानों की दुर्दशा की कल्पना की जा सकती है। इसका मतलब यह नहीं है कि सलमान खुर्शीद बेहतर हैं, लेकिन वह अपनी कट्टरता को झूठी बातों के पीछे छुपाने में कामयाब रहते हैं।

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