भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल की गठबंधन संयुक्त जनसभा बल्देव के अवेरनी चौराहे के निकट ग्राउंड पर आयोजित की गई. सभा में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि आपकी खुश किस्मती है कि मथुरा को तीन सांसद मिले हैं.
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, "एनडीए में आने पर कोई तनाव नहीं है. आप देशभर में भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के नाम से पहचाने जाएंगे. बृज का प्रभाव देशभर में दूर-दूर तक है. कुछ लोगों को धरती पुत्र चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने की बात पच नहीं रही है जबकि वह लोग चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न मिलने पर रो पड़े होंगे.' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, 'कुछ लोग कह रहे हैं कि मैं पलट गया, मैं पलटा नहीं बल्कि पटक रहा हूं.'
जयंत ने अपने संबोधन में कहा, 'हेमा मालिनी बता रही थीं कि 2009 के चुनाव प्रचार में वो यहां आई थीं. अगर कोई फिल्म बननी है तो उसका नाम होगा '15 साल बाद'. मुझे क्या मालूम था कि हम आमने-सामने चुनाव लड़ेंगे. अब तो नहीं होगा ऐसा. लोकदल के लोगों से मेरी खास अपील है कि अगर दिल में कोई मनमुटाव हो तो दूर कर लें.'
जयंत ने बताया किस दबाव से आए NDA में
जयंत ने रैली में खुलकर बताया कि वह एनडीए में क्यों शामिल हुए. उन्होंने कहा, 'आज मैं दिल से बहुत प्रसन्न हूं. पुराने चेहरे यहां दिखाई दे रहे हैं, जिन्होंने मुझे चुनाव लड़वाया. एनडीए में आने का फैसला मैंने आप सबके चलते लिया है. आपका (कार्यकर्ताओं) का दबाव मुझ पर था. बहुत लोग मुझसे मिलने आते थे और कहते थे कि जयंत वैसे तो हम तुम्हारे हैं, सहयोग देंगे लेकिन वोट बीजेपी को देंगे. मैं सोचता था फिर क्या फायदा. ये दबाव मुझ पर था, इसलिए मैंने एनडीए ज्वाइन किया है.'
इससे पहले, बुलंदशहर में जयंत चौधरी ने कहा था, 'हमारा चुनाव चिह्न नल है और बीजेपी का चुनाव चिह्न कमल है. कमल को भी पानी की जरूरत होती है, कमल खिलेगा. वो (साइकिल) तो जनता के हाथ में फिसल ही रही है. आरएलडी-बीजेपी के साथ से मेल बन गया और तुकबंदी भी बन रही है और मुद्दे भी बन रहे हैं.
उन्होंने कार्यकर्ताओं से संयुक्त प्रत्याशी हेमा मालिनी को भारी मतों से विजयी बनाकर संसद भेजने की अपील की. बसपा छोड़ आरएलडी में आए बिजनौर सांसद मलूक नागर ने भी जयंत चौधरी के साथ मंच साझा किया. बीजेपी प्रत्याशी हेमा मालिनी ने कहा, 'तीसरी बार मथुरा के लोगों की सेवा करने का अवसर पाकर मैं बहुत खुश हूं. जो काम मेरे दो कार्यकाल में नहीं हो सका उसे मैं पूरा करूंगी.'
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