अमेरिकी कांग्रेस के भारतीय मूल के पांच सदस्यों ने न्याय विभाग से देशभर के हिंदू मंदिरों में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं पर जानकारी देने की मांग की, जिनमें से कुछ खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी थे.
उन्होंने कहा, 'इन प्रभावित समुदायों के नेताओं ने कहा है कि दुर्भाग्य से संदिग्धों का 'कोई सुराग नहीं' है, जिससे कई लोग डर और भय में जी रहे हैं. हमारे समुदाय इन पूर्वाग्रह-प्रेरित अपराधों के संबंध में कानून प्रवर्तन समन्वय के बारे में चिंतित रहते हैं और वे हैरान रह जाते हैं कि क्या कानून के तहत समान सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उचित संघीय निरीक्षण हो रहा है.'
उनके कार्यालय ने कहा कि प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति इस पहल का नेतृत्व कर रहे हैं. अन्य चार हैं रो खन्ना, प्रमिला जयपाल, अमी बेरा और श्री थानेदार. सदस्यों ने आगे कहा, "घटनाओं की संख्या और घटनाओं के समय की निकटता संबंधों और उनके पीछे की मंशा के बारे में परेशान करने वाले सवाल खड़े करती है."
उन्होंने कहा, 'किसी ऐसे समुदाय के भीतर डर पैदा करने के लिए नफरत के अपेक्षाकृत कम समन्वित कृत्यों की आवश्यकता होती है जिसे अक्सर हाशिए पर या उपेक्षित किया गया है, और हमें अमेरिका में सभी धार्मिक, जातीय, नस्लीय और सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत का मुकाबला करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करना चाहिए. इसलिए, हम अनुरोध करते हैं आप हमें यह समझ प्रदान करें कि विशेष रूप से अमेरिका में हिंदुओं को निशाना बनाने वाले घृणा अपराधों के संबंध में विभाग की रणनीति क्या है.'
हेवर्ड, कैलिफोर्निया में एक हिंदू मंदिर को जनवरी में खालिस्तान समर्थक भित्तिचित्र उकेरे गए थे. इसके कुछ ही सप्ताह बाद कैलिफोर्निया के नेवार्क में एक मंदिर पर भी इसी तरह के भित्तिचित्र देखे गए थे. हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने एक बयान में कहा था, 'पिछले कुछ हफ्तों में कम से कम दो घटनाएं दर्ज होने के साथ खालिस्तानी अलगाववादियों द्वारा हिंदू मंदिरों पर हमले बढ़ रहे हैं.'
2023 में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी और बर्बरता की दो घटनाओं में खालिस्तानी समर्थक कार्यकर्ता शामिल थे. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्व वाले प्रशासन ने जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने का वादा करते हुए नाराजगी जताई थी. हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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