इंदौर में जावरा कंपाउंड स्थित भाजपा कार्यालय पर भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता विधायक अर्चना चिटनीस ने कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व द्वारा लगातार दुनिया भर की मातृशक्ति पर अभद्र टिप्पणी किए जाने के विरोध में प्रेसवार्ता को संबोधित किया।
पूर्व मंत्री, विधायक व प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनीस ने कहा कि, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने मंच से महिला के लिए खुलेआम निदंनीय शब्दों का प्रयोग किया है। ऐसे व्यक्ति को राजनैतिक क्षेत्र में रहने का कोई हक नहीं है। कांग्रेस को इस बयान के लिए तत्काल माफी मांगना चाहिए। कांग्रेस के दावों और हकीकत में मेल नहीं है। हेमा मालिनी भारतीय संस्कृति की वाहक है जिन्हें पूरा देश सम्मान करता है, वहीं रणदीप सुरजेवाला का बयान कांग्रेस की बीमार मानसिकता उजागर करती है।
अर्चना चिटनिस ने कहा की, कांग्रेस नेता नारी सम्मान की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, लेकिन यही नेता जब मंच पर होते हैं तो कांग्रेस नेत्रियों को मंच पर नहीं आने देते, उनको बोलने नहीं दिया जाता और उनके साथ अभद्रता व भेदभाव करते हैं। कांग्रेस के अन्दर ही महिलाओं का सम्मान नहीं होता, भला ऐसी कांग्रेस नारी शक्ति का क्या सम्मान करेगी। राहुल गांधी ने वडोदरा में लोगों से पूछा था कि क्या संघ की शाखाओं में महिलाएं स्कर्ट पहने दिखती हैं ? वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस नेत्री को टंच माल और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महिलाओं को सजावट की वस्तु कहा था। यही कांग्रेस का चरित्र और चेहरा है। कांग्रेस नेता ही महिलाओं के रक्षक की जगह उनके भक्षक बनते हैं। कांग्रेस का चरित्र ही महिला विरोधी है।
कांग्रेस की महिलाएं ही महिलाओं की विरोधी
अर्चना चिटनीस ने कहा कि, कांग्रेस में कांग्रेस की महिला नेता ही महिलाओं की विरोधी हैं। हाल ही में कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने हिमाचल के मंडी से भाजपा प्रत्याशी अभिनेत्री कंगना रनौत को बाजारू और छोटी काशी के नाम से पहचान रखने वाली (मंडी) की तुलना महिलाओं की मंडी से की है। वहीं, रेणुका चौधरी ने तो कहा था कि "रेप तो चलते ही रहते हैं। (रेप इज कॉमन)। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भारतीय अर्थव्यवस्था का मजाक उड़ाते हुए कहा था, हमारी चिल्लर भी मिस वर्ल्ड बन गई है। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की एक सीडी आई थी, जिसमें वह एक महिला वकील को जज बनवाने का लालच देते हैं। जब कांग्रेस की महिला नेताओं की सोच ही महिलाओं के प्रति घटिया हो तो उनके पुरुष नेताओं की क्या सोच होगी,आसानी से समझा जा सकता है। चिटनीस ने कहा कि, सुरजेवाला के निदंनीय बयान पर सोनिया गांधी शर्मिंदा होने की जगह मौन क्यों हैं?
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