सहारनपुर में रामपुर मनिहारान क्षेत्र के गांव पिलखनी के कलम सिंह हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया। तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर हथियार बरामद कर लिए। मुख्य आरोपी हिस्ट्रीशीटर का बेटा निकला, जिसने जमीन के विवाद में पिता पर गोलियां चलवाई थीं।
एसपी सिटी अभिमन्यु मांगलिक ने पत्रकार वार्ता में बताया कि गांव पिलखनी निवासी हिस्ट्रीशीटर और किसान निगम की जमीन को लेकर बेटे आर्यन से विवाद चल रहा है। 31 मार्च को निगम गांव में ही रहने अपने बंटाईदार कलम सिंह के साथ खेत पर बैठा था। तभी बाइक पर दो युवक आए। निगम को अचानक हमला होने का आभास हुआ। वह तुरंत कलम सिंह को साथ लेकर ट्यूबवेल के कमरे में घुस गया और दरवाजा बंद किया। आरोपियों ने कमरे की खिड़की से चार राउंड फायरिंग की। एक गोली निगम की पीठ पर लगी थी, जबकि कमल सिंह की छाती में गोली लगने से मौत हो गई थी।
कलम सिंह की पत्नी शेलो देवी ने निगम और उसके बेटे आर्यन के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद से आर्यन फरार हो गया। पुलिस ने क्षेत्र में तुरमतखेड़ी के मोड़ से आर्यन, उसके साथी अंशुल, अरुण निवासी गांव फतेहपुरचंद थाना तीतरो को गिरफ्तार कर लिया, जबकि इनका साथी अर्पित फरार है। आरोपियों के पास से दो तमंचे, चार कारतूस, तीन मोबाइल फोन, एक बाइक बरामद हुई।
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि निगम को मारने आए थे, लेकिन कलम सिंह को भी गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। एसपी सिटी ने बताया कि निगम की हत्याकांड में कोई भूमिका नहीं है, जिसको क्लीन चिट दे दी गई है।
आर्यन ने दी थी सुपारी, हत्या में सजा काट चुका निगम
आर्यन का अपने पिता निगम से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। इसी के चलते उसने पिता की हत्या कराने के लिए पांच लाख रुपये में अंशुल व अरुण को सुपारी दी थी। इनसे मुलाकात अर्पित ने कराई थी। 50 हजार आरोपियों के खाते जमा कराए थे। बाकी रुपये वारदात के बाद देना तय हुए थे। हिस्ट्रीशीटर निगम पत्नी की हत्या में 14 वर्ष की सजा काट चुका है।
कॉल डिटेल व खाते में रुपये डालने से खुला राज
पुलिस ने आर्यन की कॉल डिटेल खंगाली तो अहम साक्ष्य मिले। इसके साथ ही खाते की जांच की, जिसमें शूटरों के खाते रुपये ट्रांसफर होने की जानकारी मिली। इसी आधार आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गए। आर्यन के अलावा दोनों आरोपियों का आपराधिक इतिहास है।
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