Amit Shah In Manipur : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार (15 अप्रैल) को मणिपुर में जनसभा की है. इसके पहले उनके दौरे को बाधित करने के लिए सड़कों पर उतरी प्रदर्शनकारी महिलाओं ने आगजनी की.
अमित शाह के दौरे से पहले, कुछ प्रदर्शनकारियों ने अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन किया. दोपहर करीब 1 बजे, इंफाल पूर्वी जिले के लामलोंग इलाके में प्रदर्शनकारियों ने कांगजीबुंग में उन सभी गाड़ियों को रोक दिया जिन पर बीजेपी के बैनर पोस्टर लगे थे. इम्फाल पूर्वी जिले के न्यू चेकन में भी एक विरोध प्रदर्शन किया गया जहां सड़कें अवरुद्ध कर दी गईं और टायरों में आग लगा दी गई.
सुरक्षा बलों ने हल्का बल प्रयोग कर किया प्रदर्शन को काबू
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे को केंद्र का पूरे क्षेत्र में चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था थी. प्रदर्शनकारी महिलाओं को संभालने के लिए सुरक्षा बलों ने हल्का बल प्रयोग कर पूरे क्षेत्र में हालात को भी संभाल लिया था. किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली.
क्या है प्रदर्शनकारियों का कहना?
प्रदर्शनकारी ने कहा कि राज्य 11 महीने से अधिक समय से हिंसा की आग में जल रहा है. वे पहले नहीं आए लेकिन लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए चले आए.
प्रदर्शनकारी ने कहा कि शाह की यात्रा का स्वागत करने का कोई कारण नहीं है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि यह चुनावी उद्देश्यों के लिए है न कि वर्तमान संकट को संबोधित करने के लिए.
क्या कहा अमित शाह ने?
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नीत केंद्र सरकार की प्राथमिकता जातीय संघर्ष प्रभावित मणिपुर में शांति स्थापित करना है. शाह ने इम्फाल में एक जनसभा में कहा कि यह लोकसभा चुनाव मणिपुर को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों और इसे एकजुट रखने वालों के बीच है. शाह ने दावा किया कि पूर्वोत्तर राज्य की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए घुसपैठ के प्रयास किए गए. शाह ने कहा, “सभी समुदायों को साथ लेकर और राज्य को तोड़े बिना मणिपुर में शांति स्थापित करना नरेन्द्र मोदी सरकार की प्राथमिकता है.”
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