Bageshwar Dham Sarkar Astro Tips: नवरात्रि के दौरान हिंदू धर्म के लोगों के घरों में अलग ही धूम देखने को मिलती है। पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है और नवमी तिथि के दिन समापन होता है।
माना जाता है कि नवरात्रि के व्रत के दौरान सुहागिन महिलाओं को कुछ सावधानियां अपनानी चाहिए, नहीं तो उन्हें पूजा का फल नहीं मिलता है। आज हम आपको पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा बताई गई सुहागिन महिलाओं की उन्हीं 5 गलतियों के बारे में बताएंगे।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश होने के साथ-साथ कथावाचक भी हैं। जो दिव्य दरबार लगाते हैं। दरबार में वह बिना बताए लोगों की परेशानी और उसका समाधान उन्हें बता देते हैं। इसके अलावा कथा के दौरान वह हिंदू धर्म से जुड़े कई नियम और उपायों के बारे में भी बताते हैं। आइए जानते हैं सुहागिन महिलाओं द्वारा नवरात्रि के व्रत में की गई उन पांच गलतियां के बारे में, जिससे उन्हें पूजा और व्रत का फल नहीं मिलता है।
दिशा
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार, नवरात्रि व्रत के दौरान मां दुर्गा की पूजा करते समय अपना मुंह दक्षिण दिशा की तरफ नहीं रखना चाहिए। नहीं तो इससे मां नाराज हो सकती हैं।
सिंदूर-आभूषण
बागेश्वर धाम सरकार बताते हैं कि सुहागिन महिलाओं को मां दुर्गा की पूजा करते समय अपनी मांग, गला व कलाई को खाली नहीं रखना चाहिए। उन्हें सिंदूर और आभूषण जरूर धारण करने चाहिए।
गीले बाल
सुहागिन महिलाओं को गीले और खुले बालों में कभी भी नवरात्रि व्रत की पूजा नहीं करनी चाहिए। बागेश्वर धाम सरकार बताते हैं कि इससे महिलाओं को पाप लग सकता है।
काले कपड़े
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुसार, सुहागिन महिलाओं को नवरात्रि व्रत की पूजा कभी भी काले और फटे कपड़े पहनकर नहीं करनी चाहिए।
गणेश जी
सुहागिन महिलाओं को नवरात्रि व्रत की पूजा में मां दुर्गा की आराधना करने से पहले गणेश जी का पूजन करना चाहिए। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बताते हैं कि गणेश जी की पूजा के बिना नवरात्रि के व्रत का फल नहीं मिलता है।
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