दिल्ली सरकार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। बीते एक साल से जेल में बंद सिसोदिया की कस्टडी को और आगे बढ़ा दिया गया है। दिल्ली की एक अदालत ने अब समाप्त हो चुकी दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शनिवार को सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को बढ़ा कर 18 अप्रैल तक कर दिया है।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने मनीष सिसौदिया की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ा दी। सिसोदिया को उन्हें पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर अदालत में पेश किया गया था। उनकी पार्टी के सहयोगी संजय सिंह, सह-अभियुक्त, जिन्हें हाल ही में मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दी गई थी, भी कार्यवाही के लिए अदालत में पेश हुए।
मनीष सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी, 2023 को "घोटाले" में उनकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। ईडी ने 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। 28 फरवरी, 2023 को सिसोदिया ने दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था।
इस सप्ताह की शुरुआत में, आम आदमी पार्टी नेता ने आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय यह साबित करने में सक्षम नहीं है कि घोटाले के पैसे का रास्ता उन तक जाता है। उनके वकील ने अदालत से कहा कि चूंकि उनके खिलाफ आरोप अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं, इसलिए वह जमानत के हकदार हैं।
सीबीआई के साथ-साथ ईडी ने भी आरोप लगाया है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं, लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया, लाइसेंस शुल्क माफ कर दिया गया या कम कर दिया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लाइसेंस बढ़ा दिए गए।
अपनी जमानत पर सुनवाई से एक दिन पहले, मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल के अंदर से जनता को एक पत्र लिखा। खत में उन्होंने अपनी दुर्दशा की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों से की और बच्चों की शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई।
अरविंद केजरीवाल 15 अप्रैल तक तिहाड़ में
सोमवार को दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की हिरासत 15 अप्रैल तक बढ़ा दी और उन्हें अगली सुनवाई तक तिहाड़ जेल भेज दिया। सिसौदिया के विपरीत, केजरीवाल ने कहा कि वह अपने पद से नहीं हटेंगे और जेल के अंदर से दिल्ली सरकार चलाते रहेंगे।
अपनी गिरफ्तारी के बाद, केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में उनकी सरकार को गिराने के लिए "राजनीतिक साजिश" के तहत ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने 28 मार्च को खुद दिल्ली की अदालत को संबोधित किया था, जहां उन्होंने कहा था कि ईडी ने अपनी रिपोर्ट में उनके खिलाफ कोई पुख्ता आरोप नहीं लगाए हैं, इसलिए उनकी गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है।
हालांकि, ईडी ने केजरीवाल के आवास से जब्त किए गए मोबाइल फोन का विश्लेषण करने के लिए उनकी हिरासत बढ़ाने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि वे उत्पाद नीति मामले में कुछ आरोपियों से केजरीवाल का आमना-सामना कराना चाहते हैं।
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