केंद्र सरकार ने नौकरशाही में बड़ा फेरबदल किया है। इसके तहत 17 अधिकारियों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में संयुक्त सचिव या समकक्ष पदों पर नियुक्त किया गया है। यहां आपको पूरी सूची दिखा रहे हैं।
इन अधिकारियों के विभागों में हुआ फेरबदल
- एक आदेश में बताया गया है कि वर्ष 2000 बैच के भारतीय आयुध निर्माण सेवा (आईओएफएस) अधिकारी राजीव कुमार को गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव का कार्यभार सौंपा गया है।साल 2003 बैच के आईआरएस अधिकारी वृंदा मनोहर देसाई, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अप्रैल 2027 तक संयुक्त सचिव का पदभार संभालेंगे।
- 2007 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस अधिकारी अभिषेक भगोटिया के कंधों पर लोकपाल के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- केंद्रीय सचिवालय सेवा (सीएसएस) अफसर राहुल कश्यप का नाम राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सचिव के तौर पर तय किया गया है।
- मुत्थुकृष्णन शंकरनारायणन को परमाणु ऊर्जा विभाग में संयुक्त सचिव का पदभार सौंपा गया है।
- शोभित गुप्ता को भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय का संयुक्त सचिव बनाया गया है।
- विमल आनंद को वाणिज्य कर विभाग को संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- मोनालिसा दास को पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव का पदभार सौंपा गया है।
- 2005 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी राहुल जैन को आर्थिक मामलों के विभाग के तहत सोलहवें वित्त आयोग का संयुक्त सचिव बनाया गया है।
- रंजीत सिंह को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का का संयुक्त सचिव बनाया गया है।
- नवीन अग्रवाल को निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- महेंद्र कुमार को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के संयुक्त सचिव का पदभार सौंपा गया है।
- विवेक कुमार वाजपेयी को खनन मंत्रालय का संयुक्त सचिव बनाया गया है।
- राजीव मांझी को सचिवालय प्रशिक्षण एवं प्रबंधन संस्थान के निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- जय प्रकाश पांडे को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) का अपर सचिव नियुक्त किया गया है।
- लाल छंदामा को ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव का पदभार सौंपा गया है।
- देबोलीना ठाकुर को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मंत्रालय ने केंद्र सरकार के सभी विभागों के सचिवों को जारी आदेश में कहा है कि लोकसभा चुनावों की घोषणा के मद्देनजर अगर कोई भी अधिकारी चुनाव संबंधी ड्यूटी पर हैं, तो उन्हें भारत के चुनाव आयोग से उचित मंजूरी के बाद अपना नया कार्यभार संभालने के लिए कार्यमुक्त किया जा सकता है।
एक टिप्पणी भेजें