भारत और मलयेशिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आ रही है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद मलयेशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा यह आधिकारिक बयान जारी किया गया है।
तीन देशों की यात्रा पर एस जयशंकर
आपको बता दें कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर सिंगापुर, फिलीपींस और मलयेशिया के दौरे पर हैं। इस यात्रा का तीसरा और आखिरी चरण मलयेशिया है। इससे पहले फिलीपींस और सिंगापुर में भी जयशंकर द्वारा यात्राएं और सार्थक मुलाकातें की गई हैं।
मुलाकात में इन मुद्दों पर चर्चा
भारत और मलयेशिया के विदेश मंत्रियों ने सातवीं संयुक्त आयोग की बैठक आयोजित कराने पर भी चर्चा की। इससे पहले हसन द्वारा पदभार संभालने के बाद दिसंबर 2023 में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई थी। इस बार इस यात्रा का उद्देश्य भारत और मलयेशिया के बीच सहयोग को मजबूत करना है। इसके साथ ही साझा चुनौतियों और अवसरों की समझ को बढ़ाना है। मलेशिया के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 2023 में भारत ने मलयेशिया के 12वें सबसे बड़े वैश्विक व्यापार भागीदार की भूमिका अदा की थी। यह व्यापार कुल मिलाकार 16.53 बिलियन डॉलर था।
जयशंकर ने मलयेशियाई पीएम इब्राहिम से की मुलाकात
इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि इससे भारत और मलेशिया संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी। सोशल मीडिया पोस्ट साझा करते हुए उन्होंने कहा कि मलयेशिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात करना सम्मान की बात है।
जयशंकर ने बुधवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, मलेशिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात सम्मान की बात है। पारंपरिक और नए युग दोनों क्षेत्रों में मजबूत भारत-मलयेशिया संबंधों के लिए उनका दृष्टिकोण, हमें रिश्ते के लिए एक अधिक महत्वाकांक्षी एजेंडा तैयार करने में मदद करेगा। क्षेत्रीय विकास पर उनके मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि से लाभ हुआ है।
बातचीत के दौरान जयशंकर ने पीएम मोदी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय विकास पर उनके मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि से लाभ हुआ। गौरतलब है कि जयशंकर सिंगापुर, फिलीपींस और मलेशिया की अपनी तीन देशों की यात्रा के तीसरे और आखिरी चरण में कुआलालंपुर में हैं। इससे पहले जयशंकर ने अपने मलेशियाई समकक्ष मोहम्मद बिन हाजी हसन से मुलाकात की।
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