राजस्थान के भीलवाड़ा में जन्में सत्यनारायण नुवाल आज 19,000 करोड़ रुपये की संपत्ति (Satyanarayan Nuwal Net Worth) के मालिक हैं. उनकी कंपनी सोलर इंडस्ट्रीज (Solar Industries) का बाजार मूल्य 36 हजार करोड़ रुपये है.
सत्यनारायण नुवाल के पिता पटवारी थे. दादा की छोटी सी परचून की दुकान थी. पिता के नौकरी से रिटायर होने के बाद उनका परिवार आर्थिक संकट से घिर गया. नतीजन, सत्यनारायण नुवाल केवल दस तक ही पढ सके. उन्हें घर चलाने को हाथ बंटाने को कहा गया. दादा को दुकान संभालते देख उनमें भी बिजनेस करने की ललक थी. इसी ललक से प्रेरित होकर उन्होंने फाउंटेन पेन की स्याही का कारोबार शुरू किया. लेकिन, यह धंधा चला नहीं और सत्यनारायण को काफी घाटा हुआ.
स्टेशन पर गुजारी रातें
पढाई छोड़ने के बाद छोटी उम्र में ही घरवालों ने उनकी शादी कर दी. स्याही का कारोबार फेल होने पर उन्हें काम की तलाश में घर छोड़ना पड़ा. वे राजस्थान से साल 1977 में महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के बल्हारशाह में काम की तलाश में आ गए. उनके पास पैसे नहीं थे. यहां कई दिन तक उन्हें नौकरी नहीं मिली. कमरा किराए पर लेने को पैसे न होने की वजह से उन्होंने कई रातें रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर गुजारी. कई बार भूखे भी सोए.
विस्फोटक व्यापारी के यहां की नौकरी
कई दिनों बाद सत्यनारायण नुवाल की मुलाकात विस्फोटकों के व्यापारी अब्दुल सत्तार अल्लाहभाई से हुई. वे अब्दुल के पास काम करने लगे. नौकरी करते हुए सत्यनारायण को पता चला कि विस्फोटकों के धंधे में अच्छी कमाई है. लेकिन, समस्या यह थी कि विस्फोटकों का कारोबार करने के लिए लाइसेंस और गोदाम की जरूरत थी. ये दोनों ही उनके पास नहीं थे.
1,000 रुपये लगा शुरू किया बिजनेस
अब्दुल के पास एक गोदाम था और लाइसेंस भी. सत्यनारायण नुवाल ने 1000 हजार रुपये किराया देना शुरू किया और अब्दुल सत्तार के गोदाम में ही अब्दुल के ही लाइसेंस पर विस्फोटक बेचने शुरू कर दिए. वे 250 रुपये का विस्फोटक खरीदकर उसे 800 रुपये में बेचते थे. कुछ दिनों में ही उनका बिजनेस जम गया और उन्होंने अपना लाइसेंस बना लिया और गोदाम भी ले लिए. कुछ समय बाद विस्फोट बनाने वाली ब्रिटिश कंपनी इंपीरियल केमिकल्स इंडस्ट्री ने सत्यनारायण को अपना वितरक बना लिया.
1995 में रखी सोलर इंडस्ट्रीज की नींव
साल 1995 में सत्यनारायण ने अपनी कंपनी बना ली. कंपनी की स्थापना के लिए उन्होंने बैंक से 60 लाख रुपये कर्जा लिया था. एक साल बाद यानी 1996 में उन्हें 6,000 टन विस्फोटक सालाना बनाने का लाइसेंस मिला. शुरुआत के दिनों में नुवाल कोयला खदानों में विस्फोटक की आपूर्ति करने लगे. वर्ष 2010 में सोलर इंडस्ट्रीज देश की पहली निजी कंपनी थी जिसे भारत सरकार से भारत के रक्षा बलों के लिए हथियार बनाने के लिए विस्फोटक बनाने का लाइसेंस मिला था. साल 2021-22 में चार लाख टन सालाना की क्षमता के साथ वे दुनिया के चौथे सबसे बड़े विस्फोटक निर्माता और पैकेज्ड विस्फोटकों के सबसे बड़े निर्माता बन गए.
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