नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nimala Sitharaman) का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर (Indian GDP Growth Rate) आठ फीसदी या इससे ज्यादा रह सकती है.
बेहतर महंगाई प्रबंधन और व्यापक आर्थिक स्थिरता का हवाला देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भी विकास दर सालाना आधार पर समान दिखने की उम्मीद है. इससे पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में भी औसत वृद्धि दर आठ फीसदी या इससे ज्यादा होगी. सरकार चौथी तिमाही के आर्थिक आंकड़े 31 मई को जारी करेगी. अक्टूबर-दिसंबर 2023 तिमाही के दौरान भारत की विकास दर 8.4 प्रतिशत रही है. सरकार के ताजा अग्रिम अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में विकास दर 7.6 प्रतिशत रह सकती है.
एसएंडपी ने भी बढ़ाया था ग्रोथ अनुमान
रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी अनुमान में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर 6.8 फीसदी कर दिया है. एसएंडपी ग्लोबल का ये आंकलन फिच के 7 फीसदी से कम है लेकिन मूडीज के 6.8 फीसदी के अनुमान के बराबर ही है. ये सरकार और सेंट्रल बैंक भारतीय रिजर्व बैंक के 7 फीसदी के अनुमान से भी कम है. एजेंसी ने मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 7.6 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. एस एंड पी ने जहां भारतीय अर्थव्यवस्था के ग्रोथ अनुमान में वृद्धि की है, वहीं चीन की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2025 में 5.2 फीसदी से घटकर वित्त वर्ष 2025 में 4.6 फीसदी होने की संभावना जताई.
भारतीय अर्थव्यवस्था हासिल कर सकती है 10% की वृद्धि दर
हाल ही में रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा ने कहा था कि भारत अगले दशक में 10 फीसदी की वृद्धि दर हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा और बदलावों के जरिये चुनौतियों से उबर रहा है. ऐसे में 2032 तक भारत दुनिया दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और 2050 तक विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है.
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