संदेशखाली विवाद को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है. एक तरफ भारतीय जनता पार्टी और स्थानीय लोगों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अब तक चुप्पी साध रखी है.
नुसरत जहां ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ममता बनर्जी का सपोर्ट करते हुए कहा कि तृणमूल सरकार शांति बनाए रखने के लिए सभी ठोस कदम उठा रही है. उन्होंने संदेशखाली को लेकर राजनीति ना करने की सलाह भी दी.
तृणमूल सांसद ने अपने पोस्ट में अखबार की एक कटिंग भी शेयर की है. उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, "एक महिला और एक जन प्रतिनिधि के रूप में मैंने हमेशा अपनी पार्टियों के दिशा-निर्देशों का पालन करने के साथ-साथ लोगों की सेवा की है. संदेशखाली घटना के उग्र होने पर हमारी मुख्यमंत्री ने पहले ही मदद भेज दी है और लोगों के कल्याण के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. हम कानून से ऊपर नहीं हैं, इसलिए इसका पालन करना और प्रशासन का समर्थन करना ही जरूरी है."
उन्होंने आगे लिखा, "मैंने अपने निर्वाचन क्षेत्र में खुशी के समय, मुसीबत के समय में लोगों की सच्ची सेवा की है. मैं अपनी पार्टी के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करती हूं और मेरा मानना है कि हमें राज्य सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखना चाहिए. जो गलत है उसकी हमेशा निंदा की जाएगी."
बशीरहाट लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली सांसद ने लिखा, "हमें एक- दूसरे को निशाना बनाने से बचना चाहिए और शांति बनाए रखने में एक साथ मदद करनी चाहिए, ना कि हंगामा करना चाहिए. लोगों की सुरक्षा और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है." नुसरत जहां ने आखिर में लिखा, "बाकी कौन किसके बारे में क्या कहता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. जैसा कि मैंने पहले कहा था.. मैं फिर से दोहराऊंगी 'राजनीति बंद करो'."
पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना स्थित संदेशखाली में टीएमसी के नेता शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. इन आरोपों के बाद से शाहजहां शेख से फरार हैं.
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