उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसकी वजह से पूरे महकमे की किरकिरी हो रही है. यहां जिला अदालत में पेशी के लिए आए दो कुख्यात गैंगस्टर कोर्ट लॉकअप से फरार हो गए.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) घुले सुशील चंद्रभान ने कहा कि आरोपी गैंगस्टरों को पकड़ने के लिए चार टीमें गठित की गई हैं. हर संभव जगह, जहां पर वो मौजूद हो सकते हैं, वो पर पुलिस टीम दबिश दे रही है. आरोपियों के नाम अंकित यादव और सचिन सैनी है. अंकित यादव पर चोरी, लूट और अपहरण समेत भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं के तहत 47 मुकदमे दर्ज हैं. उस पर गैंगस्टर एक्ट भी लगा है. इसी तरह सचिन सैनी के खिलाफ भी गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज है.
उप-निरीक्षक (एसआई) वीरेंद्र कुमार ने कहा कि अंकित यादव और सचिन सैनी तलब किए जाने के बाद शुक्रवार सुबह मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) और अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय की अदालत में पेश हुए थे. उनके साथ कुल 55 कैदी कोर्ट में पेशी के लिए आए थे. सभी की पेशी के बाद शाम साढ़े पांच बजे कैदियों को वापस जेल भेजने से पहले गिनती शुरू हुई. पुलिसकर्मियों ने कई बार अंकित और सचिन का नाम लिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.
इसके बाद उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी जब हवालात में पहुंचे तो दोनों बदमाश गायब मिले. हवालात में लगी लोहे की खिड़की की दो छड़ें कटी हुई थीं. सूचना मिलने पर एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान, एसपी (सिटी) राहुल भाटी के साथ पुलिस बल मौके पर पहुंचा. एसएसपी ने बताया कि इस मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया गया है. दोनों कुख्यात अपराधियों की सरगर्मी से तलाशी की जा रही है.
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बताते चलें कि पिछले साल सितंबर में भी एक शातिर कैदी पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गया था. एक कैदी को बरेली जेल से इलाज के लिए मेरठ लाया गया था. लेकिन पुलिस को चकमा देकर वो मेडिकल कॉलेज से फरार हो गया. इसके बाद पुलिसकर्मियों के बीच हड़कंप मच गया. यहां तक कि पुलिसकर्मियों ने उसकी तलाशी के लिए दौड़ भी लगाई, लेकिन वो किसी के हाथ नहीं आया. इस मामले में चौकी प्रभारी ने पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
बताया गया था कि बरेली जेल में आवला निवासी काले खां उर्फ तौफीक एनडीपीएस एक्ट में जेल में बंद था. तबियत खराब होने पर उसे जेल से मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया. पुलिस लाइन में तैनात हैड कांस्टेबल खेम सिंह, कांस्टेबल राहुल, मोहम्मद युसूफ, आकाश और सुधांशु उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. रात को उसे भर्ती करा दिया गया. अगली सुबह जब पुलिसकर्मी सो कर उठे तो वो फरार हो चुका था. हालांकि, वो भागते हुए सीसीटीवी में कैद हो गया था.
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