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सोमवार, 19 फ़रवरी 2024

IBM इंडिया का दावा- AI से जितनी नौकरियां खत्म होंगी, उससे ज्यादा होंगी पैदा

Artificial Intelligence And Jobs Cut: कॉलेज के प्रोजेक्ट लिखने से लेकर लव लेटर लिखने और फोटो क्रिएट करने से लेकर वीडियो जनरेट करने तक में अब एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसको लेकर चिंता जताई जा रही है कि एआई से लाखों नौकरियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन आईबीएम इंडिया ने दावा किया है कि एआई से वास्तव में जितनी नौकरियां खत्म होंगी, उससे अधिक पैदा होंगी।

आईबीएम इंडिया/साउथ एशिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से वास्तव में जितनी नौकरियां खत्म होंगी, उससे अधिक पैदा होंगी। पटेल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि उन्होंने समय के साथ टेक्नोलॉजी और कई इनोवेशन को विकसित होते देखा है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि एआई जितनी नौकरियां खत्म करता है, उससे कहीं अधिक पैदा करेगा। पूरी तरह से नई नौकरियों की कल्पना करते समय लोग आमतौर पर बहुत डर जाते हैं।

कैसे नौकरियां बदलती है टेक्नोलॉजी

पटेल ने कहा कि उदाहरण के लिए, इंटरनेट आने के बाद न्यूज पेपर प्रिंटिंग जैसे कुछ क्षेत्रों में नौकरियों में गिरावट आई थी, लेकिन इसके परिणामस्वरूप वेब डिजाइन, डेटा साइंस, डिजिटल मार्केटिंग और वेब पब्लिशिंग में लाखों नई नौकरियों पैदा हुई। तो, जिन चीजों के बारे में हम बहुत स्पष्ट हैं और जिन पर जोर देते रहते हैं, उनमें से एक यह है कि स्किल बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

एआई टूल और ट्रेनिंग जरूरी

उन्होंने कहा कि भारत में 46 प्रतिशत कंपनियां वर्तमान में स्वचालन और एआई टूल के साथ मिलकर काम करने के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रही हैं या पुन: कुशल बना रही हैं, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की गुंजाइश है। यह कुछ ऐसा है जिसे सरकार स्पष्ट रूप से पहचानती है। जब हम संगठन के भीतर कर्मचारियों को देखते हैं, तो 50 प्रतिशत कहते हैं कि वे नए एआई और ऑटोमेशन टूल के साथ काम करने के लिए उत्साहित हैं।

एआई की ट्रेनिंग में क्या दिक्कत?

पटेल ने कहा कि तो, अब सवाल यह है कि आप लोगों के एक विशाल समूह को कैसे ट्रेन्ड करते हैं? हर कोई कोडर या एआई डेवलपर वगैरह नहीं हो सकता। जैसे-जैसे ये टेक्नोलॉजी विकसित हो रही हैं, आपको इनके साथ काम करना सीखना होगा।

टेक्नोलॉजी के साथ चलना जरूरी

आईटी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने पिछले दिसंबर एक कार्यक्रम में कहा था कि एआई में भारत की प्रगति की कुंजी टेक्नोलॉजी स्किल है, न कि चिप-संचालित कंप्यूटिंग पावर। एआई में प्रतिभा कहीं अधिक बुनियादी चुनौती है। हमें एआई में मास्टर्स और पीएचडी करने के लिए विश्वविद्यालयों की जरूरत है। प्रतिभा एक ऐसी चीज है, जो मुझे रातों में जगाए रखती है।

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