केंद्र सरकार ने बेहतर पदोन्नति के अवसर, कर्मियों की नई भर्ती और विभिन्न आंतरिक सुरक्षा कार्यों के लिए गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार को सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआईएसएफ, एसएसबी और असम राइफल्स में 23 हजार 958 कर्मियों की आरक्षित प्रतिनियुक्ति के लिए एक आदेश जारी किया। असम राइफल्स के अलावा इन पांच सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को आतंकवाद रोधी अभियानों, सीमा की रखवाली, चुनाव कराने और देशभर में कानून व्यवस्था को बनाए रखने जैसे विभिन्न आंतरिक सुरक्षा के दायित्वों को पूरा करने के लिए तैनात किया गया है।
वे विशेष सुरक्षा समूह (एसीजी), राष्ट्री सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) जैसे विभिन्न विशेष संगठनों के भी प्राथमिक मानव संसाधान हैं। ये एजेंसियां गृहमंत्रालय के तहत काम करती हैं और इन पर भारत की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी है। बीएसएफ के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक अजय सिंह ने कहा, यह पहली बार है जब गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति को मंजूरी दी है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि इन बलों के अधिकारी और कर्मी प्रतिनियुक्ति पर जाने में सक्षम हैं और व्यवस्थित व संस्थागत तरीके से अपने ज्ञान व कौशल को बढ़ाने में सक्षम हैं।
सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश
चुनाव आयोग ने रेलवे बोर्ड को आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए तैनात किए जा रहे 3.4 लाख से अधिक सुरक्षाकर्मियों की ट्रेन से सुचारू और सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। पूर्व में सुरक्षाकर्मियों के ड्यूटी वाले स्थानों पर देरी से पहुंचने के मद्देनजर यह निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने पिछले सप्ताह जारी एक निर्देश में रेलवे से चौबीसों घंटे संचालित होने वाला एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की मांग की है।
जो अगले कुछ महीनों में केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल (सीएपीएफ) के कर्मियों की देशभर में आवाजाही की निगरानी करेगा, कोच में पंखे और एयर कंडिशनिंग के साथ ही भोजन और मार्ग पर पड़ने वाले स्टेशनों पर चिकित्सा समेत अन्य आवश्यक सुविधाओं का इंतजाम करेगा। आयोग ने कहा कि चुनाव के उद्देश्य से सीएपीएफ और विभिन्न राज्यों से बुलाए गए पुलिस बलों की बड़े पैमाने पर तैनाती आवश्यक होगी।
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