हरियाणा में INLD के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की रविवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई. वह अपनी कार में थे जब बहादुरगढ़ में कुछ हमलावरों ने उनपर गोलियां बरसा दीं. कहा जा रहा है कि कम से कम 40-50 राउंड फायरिंग की गई, जिसमें पूर्व विधायक के एक सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गई. पढ़ें नफे सिंह राठी की पूरी कहानी.
नफे सिंह राठी हरियाणा की राजनीति में एक चर्चित चेहरा रहे हैं. वह पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के करीबी माने जाते थे. पार्टी में वह एक मजबूत पकड़ रखते थे. वह एक जाट नेता थे और बहादुरगढ़ के जाटवाड़ा गांव से ताल्लुक रखते थे. बहादुरगढ़ विधानसभा सीट से ही वह दो बार विधायक रहे हैं.
ओपी चौटाला परिवार के विश्वसनीय
नफे सिंह राठी ने पहली बार समता पार्टी की टिकट पर 1996 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी. इसके बाद वह साल 2000 में इंडियन नेशनल लोक दल की टिकट पर दूसरी बार विधायक बनें. वह बहादुरगढ़ म्यूनिसिपल काउंसिल के दो बार अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इनके अलावा नफे सिंह ऑल इंडियन स्टाइल रेसलिंग एसोसिएशन के भी अध्यक्ष रहे हैं. वह पूर्व सीएम ओपी चौटाला और अभय चौटाला के विश्वसनीय माने जाते थे.
नफे सिंह जमीन से जुड़े नेता थे
आईएनएलडी में फूट के बाद भी नफे सिंह ने ओपी चौटाला परिवार का साथ नहीं छोड़ा. दुष्यंत चौटाला के पार्टी से अलग होकर अपनी पार्टी बनाने के वह विरोधी रहे हैं और उनकी काफी आलोचना भी की थी. नफे सिंह हाल के दिनों में पार्टी की 'परिवर्तन यात्रा' की अगुवाई कर रहे थे. वह पार्टी में काफी सक्रीय रहते थे. कहा जाता है कि वह जमीन से जुड़े हुए नेता थे और अक्सर कार्यकर्ताओं के साथ देखे जाते थे.
नफे सिंह राठी पर आपराधिक मामले
पूर्व विधायक नफे सिंह राठी पर बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने के आरोप में आईपीसी की धारा-420 के तहत दो आरोप थे. उनपर लोक सेवक, या बैंकर, व्यापारी या एजेंट द्वारा आपराधिक विश्वासघात से संबंधित मामले में धारा 409 के तहत आरोप थे. इनके अलावा नफे सिंह पर जालसाजी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी, आपराधिक विश्वासघात और आपराधिक साजिश जैसे कुछ आरोप भी शामिल हैं.
पूर्व मंत्री के बेटे के सुसाइड का मामला
विशेष रूप से जनवरी 2023 में, हरियाणा पुलिस ने पूर्व मंत्री मांगेराम नंबरदार के बेटे और स्थानीय बीजेपी नेता जगदीश नंबरदार की आत्महत्या के मामले में राठी और पांच अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. मृतक के बेटे की शिकायत के आधार पर राठी और अन्य पर आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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