नई दिल्ली. वैलेंटाइन डे नजदीक आते ही साइबर-सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने सोमवार को कहा कि भारत में रोमांस स्कैम बढ़ रहे हैं. देश में 66 प्रतिशत लोग ऑनलाइन डेटिंग स्कैम का शिकार हुए हैं.
2023 में, 43 प्रतिशत भारतीय एआई वॉयस स्कैम के शिकार बने और 83 प्रतिशत लोगों ने अपना पैसा गंवाया. एक्सपोजर मैनेजमेंट कंपनी टेनेबल की एक नई रिपोर्ट के अनुसार हाल ही के सालों में ऑनलाइन डेटिंग स्कैम में बड़ा बदलाव आया है, जिसमें पारंपरिक रणनीति को जेनरेटिव एआई और डीपफेक जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ विलय कर दिया गया है.
'AI-जेनरेटेड डीपफेक इतने परफेक्ट तरीके से काम करते हैं कि दो-तिहाई (69%) से ज़्यादा भारतीयों का कहना है कि वे AI और किसी व्यक्ति की वास्तविक आवाज के बीच अंतर नहीं कर सकते.' स्कैमर्स अब ऑनलाइन डेटिंग घोटालों में ज़्यादा विश्वसनीय व्यक्तित्व बनाने के लिए जेनरेटिव AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी का लाभ उठा रहे हैं.
टेनेबल के स्टाफ रिसर्च इंजीनियर क्रिस बॉयड ने कहा, 'जब स्थापित प्लेटफॉर्म्स से प्राइवेट कन्वर्सेशन्स में जाने के लिए मजबूर किया जाता है, जहां इनिशियल साइट की सुरक्षात्मक लेयर नष्ट हो जाती हैं, तो मैं अत्यधिक सतर्कता की वकालत करता हूं. जेनेरेटिव एआई या डीपफेक की भागीदारी के चलते सावधानी जरुरी है."
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि ये स्कैम अक्सर फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों पर शुरू होते हैं, पीड़ितों की सिक्योरिटी के साथ खिलवाड़ करते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है, 'एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति उभर रही है, जहां घोटालेबाज नियमित रूप से वृद्ध व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं, खासकर वे जो विधवा हैं या मेमोरी लॉस से पीड़ित हैं.'
वीडियो की जांच है जरूरी
रिसर्चर्स के अनुसार, नए मिले कनेक्शनों से पैसे के अनुरोधों पर तत्काल खतरे की घंटी बजनी चाहिए. उन्होंने सलाह दी कि उन तस्वीरों और वीडियो की जांच करना महत्वपूर्ण है जो जानबूझकर बैकग्राउंड डिटेल छिपाते हैं, ऑनलाइन वेरिफिकेशन में बाधा डालते हैं.
बॉयड ने कहा, 'जागरूकता और सतर्कता इन चालाकियों के खिलाफ हमारा सबसे अच्छा बचाव है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके है कि प्यार चाहने वाले लोग पेचीदा जाल का शिकार न हों.'
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