मध्यप्रदेश में शराब महंगी होने जा रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई। नई आबकारी नीति में शराब की दुकानें 15 फीसदी बढ़ी हुई दरों पर नीलामी की जाएगी।कैबिनेट ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आबकारी नीति का अनुमोदन करते हुए वर्ष 2023-24 के वार्षिक मूल्य में 15% की वृद्धि करने का निर्णय किया है। नई नीति में प्रावधान किया गया है कि यदि 75 फीसदी शराब दुकान के ठेकेदार बढ़ी हुई दरों पर रिन्युअल के लिए तैयार होते हैं, तब ही दुकानों का रिन्युअल होगा. वरना शराब दुकानों के नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे. नई नीति में पूर्व की तरह धार्मिक स्थलों और शैक्षणिक स्थलों से निर्धारित दूरी बनाए रखने का प्रावधान रखा गया है।
इसके साथ कैबिनेट ने विश्वविद्यालय संशोधन अधिनियम को मंजूरी दे दी गई। इसके बाद अब प्रदेश के विश्वविद्यालय में कुलपति के नाम के स्थान पर कुलगुरु लिखा जाएगा। वहीं कैबिनेट ने जिला स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई द्वारा द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट ने मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2024 के माध्यम से मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय अधिनियम, 1973 में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। विधेयक में संशोधन अनुसार विश्वविद्यालयों में कुलपति पदनाम को कुलगुरू किये जाने पर अनुमोदन दिया गया हैं। विधेयक को विधानसभा सत्र में पटल पर रखा जाएगा।
कैबिनेट ने कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023-24 में शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर कृषकों को अल्पावधि फसल ऋण दिये जाने की योजना को निरन्तर रखने की स्वीकृति दी हैं। सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को फसल ऋण प्रदान किया जायेगा। योजना में खरीफ 2023 सीजन की ड्यूडेट 28 मार्च, 2024 तथा रबी 2023-24 सीजन की ड्यूडेट 15 जून 2024 रखी गयी है। राज्य शासन ने योजना के अन्तर्गत फसल ऋण लेने वाले सभी किसानों को 1.5 प्रतिशत (सामान्य) ब्याज अनुदान तथा खरीफ एवं रबी सीजन की निर्धारित ड्यूडेट तक ऋण की अदायगी करने वाले किसानों को 4 प्रतिशत प्रोत्साहन स्वरूप (अतिरिक्त ब्याज अनुदान) दिया जायेगा।
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