Ramlala Murti: जब भी देवी-देवता की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होती है तो इसमें मूर्ति या विग्रह के नेत्रों का बड़ा महत्व होता है. इसलिए प्राण-प्रतिष्ठा होने तक विग्रह के नेत्रों को ढंककर रखा जाता है और आखिर में दर्पण दिखाते हुए नेत्रोन्मिलन कराया जाता है.
सोने की छेनी, चांदी की हथौड़ी, खास मुहूर्त
कुछ दिन पहले शिल्पकार अरुण योगीराज ने बताया था कि मूर्ति के नेत्र सबसे अहम होते हैं. रामलला की मूर्ति जब नेत्र बनाने थे तो उसके लिए अलग से शुभ मुहूर्त निकाला गया था और उस मुहूर्त में सोने की छेनी और चांदी की हथौड़ी से उन्होंने विग्रह में नेत्रों को तराशा था. इसके लिए उन्हें कुछ ही देर का समय मिला था.
प्राण प्रतिष्ठा से पहले जब मूर्ति की तस्वीर सामने आई तो लोग 5 वर्ष के बालक राम की छवि देख निहाल हो उठे. उनकी मनमोहक मुस्कार दिल को छू लेने वाली है. लेकिन प्राण प्रतिष्ठा के समय जब पूरी मूर्ति की तस्वीर सामने आई तो लोग भाव-विभोर हो उठे. रामलला के विग्रह के नेत्रों की दिव्यता आत्मा को छू लेने वाली है. उनके दिव्य नेत्रों को देख कर राम भक्त आह्लादित हो उठे. उनकी मनभावना छवि से आंखें हटाना मुश्किल था.
पोस्ट की छेनी-हथौड़ी की तस्वीर
अब शिल्पकार अरुण योगीराज ने इंस्टाग्राम पर उस सोने की छेनी और चांदी की हथौड़ी की तस्वीर शेयर की है, जिससे उन्होंने रामलला के दिव्य नेत्र बनाए. उन्होंने यह फोटो शेयर करते हुए लिखा है, 'इस चांदी की हथौड़ी और सोने की छेनी की तस्वीर शेयर करने के बारे में सोच रहा था, जिसका उपयोग करके मैंने अयोध्या के रामलला की दिव्य आंखें बनाईं.'
अरुण योगीराज द्वारा शेयर की गई तस्वीर में बैकग्राउंड में भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती की मूर्तियां नजर आ रही हैं, सामने दीपक जल रहा है और एक व्यक्ति की हथेली पर एक चांदी की हथौड़ी और उसके बगल में छोटी सी सोने की छेनी रखी हुई है. इस पोस्ट को लोग तेजी से लाइक और शेयर कर रहे हैं. साथ ही शिल्पकार अरुण योगीराज को इस फोटो को शेयर करने के लिए धन्यवाद दे रहे हैं.
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