नई दिल्लीप्र धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आमलोगों के कल्याण के लिए अनेक तरह की योजनाएं चला रखी हैं. देश के लाखों लोग इसका फायदा उठाकर अपने जीवन में उत्तरोत्तर सुधार ला रहे हैं. मोदी सरकार की इन्हीं योजनाओं में से एक है मुद्रा लोन योजना
यह योजना लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती है. मुद्रा योजना के तहत लोन के लिए ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. केंद्र सरकार की इस योजना के तहत लाभार्थी 10 लाख रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के हासिल कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) छोटे कारोबारियों को बैंक से लोन दिलाने के लिए भारत सरकार की लोकप्रिय योजना है. इसे मुद्रा लोन भी कहा जाता है. वित्त वर्ष 2019-2020 में 6 करोड़ 22 लाख से ज़्यादा कारोबारियों ने इस योजना का लाभ उठाया. एनएसएसओ (2013 सर्वे) के मुताबिक, भारत में 5.77 करोड़ छोटे कारोबार चल रहे हैं. यह सेक्टर 10 करोड़ लोगों को रोजगार देता है. मेक इन इंडिया और स्टार्टअप इंडिया के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए इस सेक्टर को मजबूत बनाना जरूरी है.
महिलाओं को प्राथमिकता
मुद्रा योजना में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है. इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) और माइक्रोफाइनेंस इंस्टिट्यूट (MFIs) को 25 बीपीएस कम ब्याज दर पर लोन देने की व्यवस्था की गई है. कम ब्याज पर लोन देने का उद्देश्य यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा सकें. मुद्रा लोन के लाभार्थी अपने साथ अन्य लोगों को भी रोजगार का अवसर मुहैया कराते हैं. ऐसे में सरकार की सोच है कि इस योजना का फैलाव ज्यादा से ज्यादा किया जाए, ताकि रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकें.
क्या है प्रावधान?
आमतौर पर कारोबार बढ़ाने के लिए, तरुण कैटगरी के तहत लोन दिए जाते हैं. वहीं कम पूंजी से शुरू होने वाले कारोबारों के लिए शिशु कैटगरी के तहत लोन दिए जाते हैं. मुद्रा लोन पर ब्याज की दर और नियम अलग-अलग बैंकों के लिए बदल सकते हैं. एसबीआई की ब्याज दर कम से कम 9.75 फीसदी है. वहीं, पीएनबी की दर 9.60 फीसदी से ज़्यादा है. लोन को तीन से पांच साल में ईएमआई के रूप में बैंकों को लौटाना होता है. कारोबारी के पिछले क्रेडिट और कारोबार के टर्नओवर के हिसाब से ब्याज दर या ईएमआई की अवधि तय की जाती है.
एक टिप्पणी भेजें