बिहार में नीतीश कुमार ने महागठबंधन का साथ छोड़ते हुए एनडीए के साथ सरकार तो जरूर बना ली है, लेकिन रास्ते में रोड़े बहुत हैं. बिहार में अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है. इस बीच एनडीए के सहयोगी और बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नई सरकार के सामने बड़ी शर्त रख दी है.
जीतन राम मांधी ने कहा कि हम 5 फरवरी को कैबिनेट विस्तार और विभागों के बंटवारे की उम्मीद कर रहे हैं. राज्यपाल व्यस्त हैं इसलिए इन चीजों में देरी हो रही है. वो 12 फरवरी को आएंगे उसके बाद विधानसभा का सत्र शुरू होगा. हमारी ओर से दो मंत्रियों की डिमांड की गई है. उन्होंने कहा कि मैंने इस संबंध में अमित शाह, नित्यानंद राय और नीतीश कुमार से बात की है.
पूर्व सीएम ने आगे कहा, उनकी पार्टी के 4 विधायक और एक एमएलसी एनडीए के साथ पूरी मजबूती से खड़े हैं. विधानसभा अध्यक्ष को नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए था, उन पर अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है. वहीं, शराब बंदी के सवाल पर मांझी ने कहा, मैं बिहार में शराबबंदी के लिए गुजरात मॉडल में विश्वास करता हूं. यही वजह है कि मैं शराब नीति पर समीक्षा की भी मांग करता हूं.
28 जनवरी को नौवीं बार सीएम बने नीतीश कुमार
महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ मिलकर सरकार बनाई है. 28 जनवरी को नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नीतीश कुमार जब महागठबंधन के साथ थे तब भी मुख्यमंत्री थे और जब वो एनडीए के साथ हैं तब भी सीएम हैं. बीजेपी कोटे से दो सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम बनाया गया है. माना जा रहा है कि 5 फरवरी को या फिर उसके बाद नीतीश कुमार अपने कैबिनेट का विस्तार करेंगे.
12 फरवरी को मिल सकता है बिहार को नया विधानसभा अध्यक्ष
गुरुवार को जारी एक संशोधित अधिसूचना में बताया गया है कि नीतीश कुमार 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत हासिल करेगी. इससे पहले नीतीश कुमार सरकार 10 फरवरी को विश्वास मत हासिल करने वाली थी. नए विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव भी 12 फरवरी को हो सकता है और इसी दिन राज्य आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश किया जाएगा.
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