बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नयी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने उन विभागों द्वारा लिये गये सभी फैसलों की समीक्षा का आदेश दिया है जिनका प्रभार राज्य की पूर्व 'महागठबंधन' सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी यादव और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के दो मंत्रियों ललित यादव व रामानंद यादव पास था।
नीतीश ने कहा था कि नयी सरकार इसकी जांच शुरू करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने उन्हें (राजद नेताओं को) सम्मान दिया लेकिन वे भ्रष्ट आचरण में लिप्त रहे। पिछली सरकार में राजद नेताओं द्वारा कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच शुरू की जाएगी।” जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के वरिष्ठ नेता नीरज कुमार ने कैबिनेट सचिवालय विभाग द्वारा लिए गए फैसले की सराहना करते हुए कहा, “यह बिहार में राजग सरकार द्वारा लिया गया एक अच्छा फैसला है।” उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमारी सरकार ने भ्रष्टाचार को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की सख्त नीति अपनाई है। राजद मंत्रियों द्वारा लिए गए सभी निर्णयों की अब समीक्षा की जाएगी और निष्कर्षों के आधार पर जांच के आदेश दिए जाएंगे। जो भी नेता दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।'' राजग सरकार के फैसले पर टिप्पणी करते हुए राजद की बिहार इकाई के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, “मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तेजस्वी यादव से डरते हैं। पिछली महागठबंधन सरकार ने कई जन-हितैषी काम किए और सात से आठ लाख युवाओं को रोजगार, समाज के आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने जैसे कई बड़े फैसले लिए।” तिवारी ने कहा, “वे (राजग) पिछली सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं से भी डरते हैं, जिससे राज्य के लाखों लोगों को फायदा हुआ है। राजद किसी भी जांच/समीक्षा से नहीं डरती...उन्हें (राजग सरकार) जो करना चाहती है करने दीजिए।”
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