भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दो दिवसीय राष्ट्रीय परिषद की बैठक शनिवार से राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आरंभ होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के चुनावी अभियान की व्यापक रूपरेखा पेश करेंगे।
राष्ट्रीय परिषद की इस बैठक में केंद्रीय मंत्री, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री, राष्ट्रीय और राज्य में पार्टी के पदाधिकारी, सांसद और विधायकों सहित लगभग 11,500 प्रतिनिधि भाग लेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए 370 और उसकी अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए 400 से ज्यादा सीट जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
माना जा रहा है कि वह इस बैठक में इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी ताकत झोंक देने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को जी जान से जुट जाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं और साथ ही इसकी रुपरेखा प्रस्तुत कर सकते हैं। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे और अगले दिन मोदी रविवार को समापन सत्र को संबोधित करेंगे। परिषद में दो प्रस्ताव पारित किए जाने की संभावना है।
आम तौर पर, एक प्रस्ताव मौजूदा राजनीतिक माहौल और तात्कालिक मुद्दों पर पार्टी के रुख को सामने रखता है जबकि दूसरा अर्थव्यवस्था की स्थिति पर आधारित होता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में पेश अर्थव्यवस्था पर हालिया श्वेत पत्र, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, विपक्षी 'इंडिया' गठबंधन में कथित बिखराव, 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता और देश की वैश्विक स्थिति उन मुद्दों में शामिल हैं, जिनका बैठक में पार्टी के प्रमुख नेताओं के भाषणों और प्रस्तावों में जिक्र किए जाने की संभावना है।
पार्टी नेताओं ने कहा है कि बैठक में मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के परिणामों के अलावा महिलाओं, युवाओं, गरीबों और किसानों को सशक्त बनाए जाने की 'मोदी की गारंटी' पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों की नजर इस बात पर भी होगी कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी चुनावी बॉन्ड और किसानों के विरोध प्रदर्शनों से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा करती है या नहीं। उच्चतम न्यायालय ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया है, वहीं किसान संगठन अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
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