आज से कुछ साल पहले चीन में कोरोना महामारी की शुरुआत हुई थी. कोरोना ने दुनियाभर में तबाही मचाई थी. आज भी इस वायरस के केस आते ही रहते हैं. कोविड का वायरस खत्म नहीं हुआ है. इस बीच चीन में एक दूसरी बीमारी के केस फिर से बढ़ने लगे हैं.
आइए जानते हैं कि कैंडिडा ऑरिस क्या बीमारी है और इसके केस क्यों बढ़ रहे हैं. महामारी विशेषज्ञ डॉ अजय कुमार बताते हैं कि कैंडिडा ऑरिस कोई नई बीमारी नहीं है. पहले से ही इसके केस आते रहते हैं, हो सकता है कि चीन में फिर से इसके मामले बढ़ रहे हैं. डॉ अजय बताते हैं कि कैंडिडा ऑरिस एक फंगस है, जो खतरनाक बीमारी का कारण बन सकता है. कैंडिडा वायरस के कई तरह के स्ट्रेन होते हैं. इनमें से कुछ स्ट्रेन्स मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकते हैं. जो घातक हो सकते हैं.
क्या होते हैं लक्षण
डॉ अजय कुमार बताते हैं कि कैंडिडा ऑरिस की वजह से कान में संक्रमण हो सकता है, हालांकि इस इंफेक्शन के अलग से कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. किसी बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी में जो लक्षण दिखते हैं वही इसमें भी नजर आते हैं. डॉ कुमार बताते हैं कि हैं कि इस बीमारी का इलाज थोड़ा मुश्किल होता है. बुजुर्ग व्यक्ति और जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है उनमें ये बीमारी घातक साबित हो सकती है.सीडीसी के मुताबिक, अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन की तरह कैंडिडा ऑरिस कोई सामान्य संक्रमण नहीं है.
कैसे फैलता है
डॉ अजय कुमार बताते हैं कि कैंडिडा ऑरिस भी किसी वायरस या बैक्टीरिया की तरह ही फैलती है. किसी संक्रमित सतह के संपर्क में आने से ये फैलता है. कुछ मामलों में ये एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकती है. इससे बचाव के लिए भी अन्य बैक्टीरिया या वायरस से बचने वाले नियमों का पालन जरूरी है. जैसे ही हाथ धोकर भोजन करना और संक्रमित के संपर्क में न आना. इस बीमारी का इलाज चिनोकैंडिन्स एंटिफंगल मेडिसन से किया जाता है.
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