क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने के 24 घंटे बाद ही मनोज तिवारी (Manoj Tiwary) ने खुलासा किया है कि रणजी ट्रॉफी पर एक टिप्पणी करने के लिए बीसीसीआई ने उन पर मैच फीस का 20 प्रतिशत जुर्माना लगा दिया.
तिवारी ने एक्स पर लिखा, ''अगले सीजन से रणजी ट्रॉफी को कैलेंडर से हटा दिया जाना चाहिए. टूर्नामेंट में बहुत सी चीजें गलत हो रही हैं. इस ऐतिहासिक टूर्नामेंट को बचाने के लिए कई चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है. यह टूर्नामेंट अपना आकर्षण और महत्व खोता जा रहा है. मैं बिल्कुल निराश हूं.''
इसके बाद कोलकाता में अपने सम्मान समारोह के दौरान तिवारी ने कहा, '' मुझे लगता है कि अगर मैंने इसे एक्स पर पोस्ट नहीं किया होता तो बीसीसीआई द्वारा निर्देश जारी नहीं किया जाता. शायद मेरी पोस्ट ने बीसीसीआई सचिव को खिलाड़ियों पर दबाव डालने के लिए प्रेरित किया. रणजी ट्रॉफी के महत्वपूर्ण चरण में यह कदम उठाकर उन्होंने जो गंभीरता दिखाई है, वह उनकी चिंता को दर्शाती है कि कई खिलाड़ी, विशेष रूप से हाई-प्रोफाइल खिलाड़ी जो सीमित प्रथम श्रेणी क्रिकेट के साथ आईपीएल में सफल हुए हैं, वे रणजी ट्रॉफी को पर्याप्त महत्व नहीं दे रहे हैं.''
तिवारी ने पिछले हफ्ते अपना आखिरी घरेलू मैच खेला. उन्होंने 47 के औसत से 10195 प्रथम श्रेणी रन और 42 के औसत से 5581 लिस्ट-ए रन बनाए. हालांकि उन्हें 2008 से 2015 के बीच केवल 12 वनडे और 3 टी20 इंटरनेशनल मैच खेलने का मौका मिला. मनोज तिवारी तब सुर्खियों में आए जब उन्होंने 2012 के आईपीएल फाइनल में चेन्नई में एमएस धोनी की सीएसके के खिलाफ विजयी रन बनाए थे.
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