लंबे इंतजार के बाद 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में रामलला अपने भव्य मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हुए थे. तब से दर्शन के लिए उनके भक्तों का तांता लगा हुआ है. 22 जनवरी से 22 फरवरी के बीच एक महीने में आखिर कितने लोगों ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में दर्शन किए और इस दौरान राम भक्तों ने अपने आराध्य को क्या कुछ समर्पित किया, इसको लेकर हर किसी की जिज्ञासा जरूर होगी.
श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के विधि-विधान से हुए थे. अस्थाई मंदिर से विराजमान रामलला को भी गर्भ गृह में स्थापित करना था. प्राण प्रतिष्ठा होने वाली रामलला की मूर्ति की भी स्थापना होनी थी. इसलिए 20 और 21 जनवरी को श्री राम जन्मभूमि मंदिर में आम श्रद्धालुओं को दर्शन नहीं हो सके थे. 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन उन्हीं लोगों ने दर्शन किए, जिनको राम मंदिर ट्रस्ट ने आमंत्रित किया था.
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यही कारण था कि 23 जनवरी को आम लोगों के लिए दर्शन की अनुमति मिलते ही श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा था. इसके बाद मंदिर में दर्शन की अवधि बढ़ाई गई और अब सुबह 7:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक राम भक्त अपने आराध्य के दर्शन कर रहे हैं.
60 लाख भक्तों ने किए राम मंदिर में दर्शन
दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लगातार कतार दिखाई दे रही है और उनकी संख्या में कोई कमी फिलहाल होती नहीं दिखाई दे रही है. 22 जनवरी से 22 फरवरी के बीच एक महीने में अगर दर्शनार्थियों की कुल संख्या की बात करें, तो वह 60 लाख से भी ज्यादा हो चुकी है. हर कोई अपने आराध्य की भक्ति में मगन है और उनके दरबार में हाजिरी लगाने को व्याकुल भी है.
अब इतने अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए, तो यह भी जिज्ञासा आपके मन में होगी कि आखिर उन्होंने समर्पित क्या कुछ किया? श्री राम मंदिर समेत जो अलग-अलग दान काउंटर और दान पात्र हैं अगर उसमें समर्पित की गई धनराशि की बात करें, तो यह लगभग 25 करोड़ रुपये है.
कुल दानराशि 25 करोड़ रुपये से ज्यादा होगी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कार्यालय की मानें, तो इस धनराशि में राम भक्तों द्वारा समर्पित किए गए चेक, ड्राफ्ट और नगद राशि शामिल है. हालांकि, विदेशी राम भक्तों द्वारा किए गए समर्पण के साथ वह धनराशि की गणना इसमें नहीं है, जो राम भक्तों ने सीधे बैंक के माध्यम से दान दी है. अगर इन अलग-अलग सोर्स से समर्पित की गई कुल राशि की गणना करें, तो 25 करोड़ रुपये का यह आंकड़ा काफी बड़ा होगा.
कई आभूषणों का मंदिर में नहीं हो सकेगा इस्तेमाल
वहीं, आभूषणों और रत्नों की बात करें, तो राम भक्तों की श्रद्धा ऐसी है कि वह बाल रामलला के लिए चांदी और सोने के बने ऐसे सामान दान दे रहे हैं, जिनका उपयोग श्री राम जन्मभूमि मंदिर में हो ही नहीं सकता. इसके बावजूद भक्तों की श्रद्धा को देखते हुए राम मंदिर ट्रस्ट सोने-चांदी से बने आभूषणों, बर्तनों और सामग्रियों को स्वीकार कर रहा है. श्री राम मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता कहते हैं कि भक्तों की अपनी श्रद्धा है. हालांकि, बहुत सारे सामान ऐसे आ रहे हैं, जो उपयोग में नहीं आ सकेंगे. एक राम भक्त ऐसे 8 से 10 सामान एक साथ चढ़ा रहा है.
25 किलो चांदी, 10 किलो सोने के आभूषण चढ़ाए
इसमें सोने और चांदी से बने मुकुट से लेकर हार, छत्र, रथ, चूड़ी, खिलौना, पायल, दीपक और अगरबत्ती स्टैंड, धनुष-बाण, अलग-अलग तरह के बर्तन समेत बहुत सारी सामग्रियां हैं. चांदी की बात करें, तो लगभग 25 किलो से अधिक चांदी प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम से अब तक राम भक्तों ने समर्पित की है. वहीं, सोने की बात करें तो अभी तक इसका सही वजन का अनुमान नहीं हो सका है. मगर, ट्रस्ट के सूत्रों की मानें, तो अगर अलग-अलग मुकुट समेत समर्पित किए गए कुल सामानों का वजन लगभग 10 किलो के आस-पास होगा.
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