झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। चंपई सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 29 वोट डाले गए। इससे पहले विधानसभा में चंपई सोरेन ने विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए अपने भाषण में कहा कि विपक्ष ने सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया।
चंपई सोरेने ने अपने भाषण में क्या कहा?
फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा में चंपई सोरेने ने कहा, "विपक्ष ने सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। कोरोना महामारी में हेमंत सरकार ने अच्छा काम किया। हेमंत के कुशल नेतृत्व में झारखंड आगे बढ़ा। जिस परिवार में कभी शिक्षा का दिया नहीं जला, हम उस परिवार में दिया जलाएंगे। क्या ये गलत है? केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। हेमंत सोरेन पर झूठे आरोप लगाए गए। हमारी योजनाओं को कोई मिटा नहीं सकता। हम गर्व से कहेंगे कि हम पार्ट-2 हैं।" बीजेपी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की योजना हर घर में दिखती है। लोगों के दिल में जले दीए को आप मिटा नहीं सकते हैं।
विधानसभा में हेमंत सोरेन क्या बोले?
विधानसभा में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने कहा, "झारखंड में जो कुछ हुआ उसमें राजभवन भी शामिल है। मैं आदिवासी हूं, मुझे नियम-कानून की सही समझ नहीं है। 31 जनवरी को जो कुछ हुआ उसकी कहानी 2022 से लिखी जा रही थी। पहली बार देश के सीएम की गिरफ्तारी हुई। मैंने हार नहीं मानी। आदिवासी दलितों के प्रति घृणा का माहौल बनाया जा रहा है। हमें जंगल जाने को कहा जा रहा है। उनका बस चले तो हमें जंगल में भेज दें। मैं आंसू नहीं बहाऊंगा। आंसू वक्त के लिए रखूंगा साबित करें कि वो जमीन मेरे नाम पर है। अगर मुझ पर घोटाले साबित हुए तो राजनीति छोड़ दूंगा। मुझे जेल के सलाखों के पीछे बांध कर ये अपने मंसूबों में नहीं कामयाब हो पाएंगे। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स जिन्हें देश की संवेदनशील व्यवस्थाएं हैं। देश का 12 लाख करोड़ लेकर जाने वाले का इन्होंने बाल भी बांका नहीं किया।"
हेमंत सोरेन 31 जनवरी को हुए गिरफ्तार
बता दें कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 31 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद चंपई सोरेन को JMM के विधायक दल का नेता चुना गया था। चंपई सोरेन ने 2 फरवरी को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। जेएमएम नेतृत्व वाले 40 विधायक बीजेपी द्वारा खरीद-फरोख्त की आशंकाओं के बीच हैदराबाद चले गए थे। मतदान में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम को रांची लौट आए थे।
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